जीवन का संघर्ष बदहवास सी हो गई है जिन्दगी गुमसुम सा रहना तन्हाई में सिसकियाँ लेना, लगता है ऐसे मानो परिस्थितियों के हाथों गुलाम सी हो गई है जिन्दगी। कर…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
कहर कोरोना का-बीनू मिश्रा
कहर कोरोना का मानव जिसे आजमाता रहा अब तक, शायद सृष्टि ने आज मानव को आजमाया है, बेकल, बेबस, कैद अपने ही घरों में इंसान हैं, आज विज्ञान की गति-प्रगति,…
एक कवि की सोच-अशोक प्रियदर्शी
एक कवि की सोच एक कवि की सोच अद्भुत, विश्वसनीय, अकल्पनीय है। कवि तो मस्तमौला है, इसे मानो या न मानो, अद्भूत अलबेला है। सभी कहते हैं, जहाँ न पहुँचे…
पर्यावरण-अशोक कुमार
पर्यावरण पृथ्वी वीरान पड़ी, विकट समस्या खड़ी। स्वयं एक एक पेड़, आप भी लगाइए।। पेड़ों की कटाई रोकें, बर्षा इसी से होखें। फल फूल हमें देवें, इसे तो बचाइए।। मिट्टी…
बस महफ़ूज रहना-अमृता सिंह
बस महफ़ूज रहना हम सारी चढ़ाइयाँ चढ़ लेंगे हम सारी लड़ाइयां लड़ लेंगे हम लिख लेंगे फिर से इतिहास मेरे बच्चों बस महफ़ूज रहना। कोई चुनौती कठिन नहीं हम राह…
कोरोना से बचाव-आँचल शरण
कोरोना से बचाव कुदरत पर जो हमनें ढाया कहर है, आज कोरोना उसी का असर है। हवाओं में फैला ऐसा जहर है, हर तरफ बस मौत की खबर है। सभी…
हाँ मैं मजदूर हूँ-डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा
हाँ मैं मजदूर हूँ जिम्मेदारी के “जुऐ” को कांधे पर लेकर ढ़ोता हूँ, सम्मान की रोटी की खातिर मैं मजदूर बन जाता हूँ। मेहनत के बल पर ही तो मैं…
शिक्षा है बहुत अनमोल-अनुपमा अधिकारी
शिक्षा है बहुत अनमोल शिक्षा है बहुत अनमोल इसका न है कोई मोल साधना से ये होता हासिल धन दौलत से न इसको तोल! शिक्षा ही हमें निखारती है शिक्षा…
जोश जज्बा और जुनून-विजय सिंह नीलकण्ठ
जोश जज्बा और जुनून जोश जज्बा और जुनून है जिसको तीनों प्रसून सफल सदा वही होता है कहता कुदरत का कानून। जोश सदा उत्साहित करके नित कर्म को प्रेरित करता…
खाना पचता पेट मेंं-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी आर्या
खाना पचता पेट में खूब चबाओ मुँह हिलाओ, सन जाये अब लार में। पाचन शुरू कराए टाईलिन , गले के ऊपरी भाग में। नीचे गले से होकर सुनलो, खाना पहुँचा…