आँखें-एस. के. पूनम

आँखें आँखों से बहते आँसू, कहता है एक अफसाना, गमों का दौर हो या, खुशियों के चंद लम्हें, आँखों से शबनम की बूंदें जैसी, गिरती है रुखसारों पर। ये आँखें!…

हर जंग जीते हैं जीतेंगे इसे-संजीव प्रियदर्शी

हर जंग जीते हैं जीतेंगे इसे वक्त के मिजाज को यूं भांप रखो घर से बाहर‌ चेहरा ढांक रखो। अभी साथ-साथ रहना ठीक नहीं हर वक्त दो गज दूरी माप…

पेड़ लगाएं-नूतन कुमारी

पेड़ लगाएं आओ मिलकर पेड़ लगाएं बीमारी को दूर भगाएँ, नित दिन करें हम इसका भान, तभी है संभव जगत कल्याण। अगर पेड़ तुम काटोगे तो आक्सीजन कहाँ से पाओगे,…

नन्हीं गौरैया-नरेश कुमार “निराला”

नन्हीं गौरैया भूरे रंग की कुछ गौरैया हमारे घर में रहती है, सुबह-सवेरे उठकर वो चीं-चीं चूँ-चूँ करती है। उसकी मधुर आवाज सुन बिस्तर छोड़ उठ जाता हूँ, फुदक रही…

नारी-ब्रह्मकुमारी मधुमिता सृष्टि

नारी शिव शक्ति का रूप है नारी सहनशक्ति की परिभाषा है नारी प्रेम की मूरत है नारी। घर को स्वर्ग बनाती रिश्तों में मिठास लाती खुशियों से घर महकाती दुःख…

स का दंभ-विवेक कुमार

स का दंभ एक संकट है आया भैया, देता एक संकेत……… इसकी संगति संपर्क स्पर्श, कर रहा संहार सर्वनाश, संक्रमित कर रहा जन को, सूचक संग संयोग संभावना संताप की,…

औरों में अच्छाई देखें-लवली वर्मा

औरों में अच्छाई देखें औरो में अच्छाई देखें, छिपी न कोई बुराई देखें। देखो औरों की अच्छाई, कैसा भी हो उनका अतीत। ढूंढोगे अगर उनमें बुराई, न होगा कोई तुम…

वसुन्धरा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

वसुन्धरा आओ देश वासियों तुझे पुकारती वसुन्धरा। बिना बोले अपनी भाषा में देती संदेश दर्दभरा।। पेड़-पौधे कट रहे, पृथ्वी हो रही विरान है। स्वच्छ हवा, निर्मल पानी में बसते सबके…