हिन्दी को नित्य पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है, गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है। उड़ें गगन में दूर तलक, पर जमीं हमेशा याद रहे,…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
हिंदी दिवस – अमरनाथ त्रिवेदी
हिंदी दिवस मनाएँ ऐसे, जिसमें भाव प्रवणता हो। दिल ही नहीं दिमागों में भी , कार्य करने की क्षमता हो।। हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसको सदा सशक्त करें। यही तो…
हिंदी राष्ट्रभाषा- रूचिका
हिंदी मेरी जुबान हिंदी मेरी पहचान, कभी भावनाओं के ज्वार थामे, कभी जज्बातों को दे पहचान। हिंदी मेरी जुबान। कल्पनाओं के जो महल बनाई, दर्द की तीव्रता जब…
मैं नारी हूँ- प्रियंका कुमारी
अबला नहीं, मैं नारी हूँ। करुणामयी , कल्याणी हूँ।। लज्जा सदैव सिरमौर रहा, अंतस में है कुछ खौल रहा , मैं दबी राख, चिंगारी हूँ। अबला नहीं, मैं नारी…
आसमान पर छाओगे – कुमकुम कुमारी
सत्य मार्ग पर चलकर देखो, अद्भुत सुख को पाओगे। कभी नहीं तुम विचलित होगे, और नहीं पछताओगे।। जलने वाले वहीं रहेंगे, तुम आगे बढ़ जाओगे। जल-जल कर वो राख बनेंगे,…
मेरी अभिलाषा – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की। जीवन में सत्य सुन्दर और अतुलित प्राण भरने की। समर्पित इस धरा को तम से आजाद करने की। अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप…
करें इन्हें शत् शत् प्रणाम – नीतू रानी
शिक्षक के प्रति एक अहसास, शिक्षक दिवस को बनाएँ खास। गुरु बिनु ज्ञान न उपजै , गुरु बिनु मिलै न भेव गुरु बिनु संशय न मिटै, जय जय जय गुरुदेव।…
हमारे शिक्षक महान- विवेक कुमार
तन मन जिसने किया कुर्बान वो कोई और नहीं, शिक्षक महान। छात्रों की राह करते आसान, शायद मिला उन्हें ईश्वरीय वरदान।। सुबह की पहली किरणों के साथ, छात्रों का टेंशन…
ज्ञान का अलख जगाते शिक्षक – दीपा वर्मा
बच्चों के होते, प्यारे शिक्षक, ज्ञान का अलख, जगाते शिक्षक। अक्षर ज्ञान, कराते शिक्षक, अच्छा बुरा, बताते शिक्षक। शिक्षक की महिमा अपरम्पार, बच्चों का स्वप्न साकार कराते, बनते इंजीनियर, डाॅक्टर,…
गुरु माना है हम आपको- अभिनव कुमार
जीवन तो समंदर की लहरों में रहता था, और मैं कश्ती लिए किनारे किनारे बहता था। बस सुनता था कही मीन है तो कही सर्प भी, पर अपनी आँखों…