शिक्षक दिवस – हर्ष नारायण दास

शिक्षक दिवस शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता। वह…

यादों को छोड़ आते-एस०के०पूनम

पावन दिवस पाँच, सितंबर हर साल, विद्यार्थी के जीवन को,हर्षित कर जाते। जमावड़ा है शिष्यों का, गुलदस्ता है फूलों का, शिक्षार्थी के आँगन से,जाते हैं जुड़ नाते। आचार्य के सानिध्य…

शिक्षा – किशोर छंद – राम किशोर पाठक

    घर-घर अलख जगाने वाली, है शिक्षा। आत्म ज्ञान दे जाने वाली, है शिक्षा। अपनी जहाँ बनाने वाली, है शिक्षा। सबको गले लगाने वाली, है शिक्षा।। दूर बुराई को…

प्राकृतिक आपदा -जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

रूप घनाक्षरी छंद में कभी-कहीं बाढ़ आए, कभी तो सुखाड़ आए, सड़कें मकान सारे, हो जाते हैं जमींदोज़। पहाड़ चटक रहे, बादल भी फट रहे, हर साल कोई नई, आफत…

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस- राम किशोर पाठक

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस अंतरिक्ष की बात अलग है, इसकी सीमा ज्ञात नहीं। धरती अम्बर संग मिलें तो, बदले कुछ हालात कहीं।। अगणित तारें ग्रह नक्षत्र, नभ में दिखते रहते हैं।…

रोग का निदान- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

रोग का निदान! आइए हवा भरे। संग-संग में चरे।। भागते विहान में। शांत आसमान में।। ∆ स्वेद पूर्ण देह से। मित्र के सु-नेह से।। रोम प्राणवान है। रोग का निदान…

भारत के अग्निवीर – गीत – राम किशोर पाठक

भारत के अग्निवीर – गीत शूर वीर हैं धरती के हम, लिखते हौसलों से तकदीर। हम पीछे हटना क्या जानें, हम हैं भारत के अग्निवीर।। गद्दारों पर मेरी रहती, पैनी…

भ्रष्टाचार – तमाल छंद गीत – राम किशोर पाठक

भ्रष्टाचार – तमाल छंद गीत किया सभी ने सद्कर्मों से, बैर। भ्रष्टाचार जहाँ फैलाया, पैर।। मुश्किल करना होता अब तो, काम। जीवन का अब अंग बना है, दाम।। चाहत सबकी…