आओ सीखें प्यार जताना मिलकर चलना मिलकर रहना आओ सीखें तूफानों में कैसे चलना कैसे लड़ना भरी हुई दरिया में कश्ती कैसे पार लगेगी बोलो आओ सीखें इस मौके पर…
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वेद की ओर लौटें-कुमारी निरुपमा
वेद की ओर लौटें वेद है ईश्वर की वाणी ऋचा अध्ययन करते ज्ञानी, वेद अपौरुषेय कहलाता परब्रह्म वेदों के रचयिता। वेदों को श्रुति हैं कहते मुख से सुनकर याद रखते…
पिता-ब्यूटी कुमारी
पिता पिता राही, पिता रक्षक पिता पथ प्रदर्शक है। पिता सागर, पिता पर्वत पिता धरती और गगन है। पिता सूर्य, पिता किरण पिता वृक्ष और छाया है। पिता शिक्षा, पिता…
पिता-गिरिधर कुमार
पिता एक बरगद एक असीम सा कुछ वह खड़ा है पार्श्व में हम और हमारी छाया के बीच कहीं… ढूंढो न ढूंढो उसे कोई मतलब नहीं बस तुम्हारी समृद्धि चाहिए…
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो-स्वाति सौरभ
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो? कैसी हो शिक्षा व्यवस्था? करते हैं आज हम चर्चा, न कठोर सजा का प्रावधान हो, न फीस शिक्षा में व्यवधान हो। न विद्यालय मीलों दूर हो,…
साइकिल की सवारी- नरेश कुमार “निराला”
साइकिल की सवारी दो पहिये की अनोखी सवारी हर बच्चे को लगती है प्यारी, अनपढ़-ज्ञानी इसे सभी चलाते होती न किसी को कोई बीमारी। इसकी कीमत काफी कम है बिना…
खामोशी अतीव वाचाल- अर्चना गुप्ता
खामोशी अतीव वाचाल देख अवनि की गमगीन -सी सूरत खामोशी आज हुई अतीव वाचाल धुआँ- धुआँ सी है बनी जिन्दगी जाने किस घड़ी हो किसका काल भयाक्रांत मनुज क्षण-क्षण…
जीवन का सबक-रूचिका
बच्चों आज एक प्रण तुम ले लो, विद्यालय बंद है जीवन का ज्ञान तुम ले लो। पुस्तकीय ज्ञान जीवन के लिए जरूरी है, पर उससे पहले जीवन का व्यवहारिक ज्ञान…
है धरा आज फिर मुस्काई
है धरा आज फिर मुसकाई , है चली आज फिर पुरवाई घनघोर घटा फिर से छाई, खुश होकर झूमे अमराई । छाया नभ में काला बादल, है उमड़- घुमड़ कर…
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस- नरेश कुमार “निराला”
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस हर महीने वेदना से भरा वो दिन हर एक स्त्री के जीवन में आता है, प्रजनन चक्र का प्राकृतिक हिस्सा यही तो मासिक धर्म कहलाता है।…