मैं चाहूं भईया का प्यार -मनु कुमारी

मैं चाहूँ भईया का प्यार !

बहुत प्यारे हैं मेरे भईया,
माँ पापा के दुलारे हैं मेरे भईया ।
ईश्वर उनकी रक्षा करना,
वो सुख से खेवे जीवन नैया। ।

मैं चाहूँ भैया का प्यार,
नहीं चाहूँ मंहगा उपहार।
रिश्ता अटूट रहे सदियों तक,
भईया को खुशियाँ मिले अपार। ।

खुशियों से आंगन है गुलजार,
खत्म हुई बहनों का इंतजार।
प्रेम, श्रद्धा, और रक्षा का है,
भाईदूज का यह पावन त्योहार । ।

नैहर का मान है भईया ,
बहना का सम्मान है भईया ।
अपनी बहन की रक्षा हेतु,
श्रीकृष्ण का अवतार है भैया । ।

जब तक रवि शशि करेंगे विचरण,
तब तक तेरी यश गायें धरा गगन ।
ईश्वर से यही विनती है मेरी,
तेरा आशीष मिले हर जीवन । ।

गंगा न्योते जैसे जमुन को ,
जैसे द्रौपदी न्यौते किशन को ।
जबतक रहे गंगा की धारा,
” मनु” न्यौते निज भाई ललन को ।।

स्वरचित:-
मनु कुमारी, विशिष्ट शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय दीपनगर बिचारी, राघोपुर ,सुपौल

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