भारत का अभिमान तिरंगा। हम तो हैं उस देश के वासी, जहाँ बहती नित्य पावन गंगा।। उत्तर में है खड़ा हिमालय, दक्षिण में सागर लहराए। पश्चिम में गुजरात मराठा, है…
मनहरण घनाक्षरी- एस. के. पूनम
भारत के तिरंगे में, शोभित हैं तीनों रंग, फहराए हवा संग, झुका आसमान है। जल,थल,नभ सेना, तत्पर रक्षा में सदा, देते रहे बलिदान, जारी अभियान है। नभ में विमान उड़े,…
आजादी का नव विहान- ब्युटी कुमारी
आजादी के लिए यातना सहकर, सूरमा नहीं विचलित हुए, विघ्न बाधाओं से लड़कर, गुलामी से मुक्ति दिलवाए। बाबू वीर कुँवर सिंह ने, हाथों की बलि चढ़ाई। आजाद लड़ते-लड़ते, अंतिम गोली…
आजादी का ज़श्न – रूचिका
आजादी का जश्न कुछ इस प्रकार मनाएँ, अशिक्षा, गरीबी, भूखमरी को मिटाएँ। सिर्फ सिद्धांत से ही नही अनुपालन से भी, हम चलें समानता का अलख जगाएँ।। अंधाधुंध विकास की दौड़…
तिरंगा – एम. एस. हुसैन
तीन रंग का अपना झंडा सब देशों से है प्यारा। शान बड़े निराले हैं इसके, यह है सिरमौर हमारा।। केसरिया बल पौरुष भरता। हरा रंग है स्वरूप धरा का, श्वेत…
आजादी का मर्म
आजादी का मर्म बताने युवाओं को आया हूं, वीरों की उन शहादतों की याद दिलाने आया हूं, गुलामी की दासताओं का दर्द सुनाने आया हूं, आजादी का मर्म बताने युवाओं…
भारत गाथा – मधु कुमारी
धन्य हुई धरा बसंती महक उठी है अब सारी गलियाँ खिल गई चहुँ ओर, स्वतंत्रता की देखो नव कलियाँ। धन्य थी वो पावन बेला, थे धन्य वो पल-क्षण, वो घड़ियाँ…
राष्ट्रध्वज- रत्ना प्रिया
राष्ट्रध्वज है शान हमारी, लहर-लहर लहराए , आजादी की मतवालों की, गाथा कहता जाए। शौर्य व साहस भरनेवाला, है केसरिया बाना, त्याग की शक्ति तप के बल को, दुनिया ने…
स्वाधीन- शिल्पी
देश मेरा जागृत है अधिप, अंतःकरण सुषुप्त अवस्था में है केवल, कई-कई बार जन्मा है यह वात्याचक्र के शिविर से निकल कर। जन्मी हैं इसमें कई-कई सभ्यताएँ, उदीयमान हैं जो…