अविरल – शिल्पी

उम्र जो थी चुनने की भविष्य एक वह चुनता रहा कबाड़ बीनता रहा कचरा इतर किसी सुगंध-दुर्गंध के भेद के भांति किसी कर्मठ कर्मयोगी के। आशंका- अनुशंसा या किसी संशय…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

दिव्य पर्व जन्माष्टमी, प्रकट हुए घनश्याम। गले सुशोभित हार में, लगते हैं अभिराम।। भाद्र पक्ष की अष्टमी, मथुरा कारावास। कृष्ण लिए अवतार जब, छाया सौम्य उजास।। मथुरा कारागार जब, कृष्ण…

श्रीकृष्ण जन्म- गिरीन्द्र मोहन झा

शूरसेन के पुत्र थे महामना वसुदेव, शरीर से थे वे मानव, गुणों से वे देव, उनकी पहली आदरणीया भार्या रोहिणी, थी वह पतिपरायणा, थी धर्मचारिणी, सत्यनिष्ठ, कर्त्तव्यपरायण थे कंस के…