नई राह गढ़ें भारत की – सुरेश कुमार गौरव

  आओ बच्चों अब चलें स्कूल, नहीं करें अब कोई भी भूल। शिक्षा है सबके लिए जरूरी, अशिक्षा है बिल्कुल गैर जरूरी।। ज्ञान की रोशनी जब फैलती, अंधकार की दुनिया…

मनहरण घनाक्षरी- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

निपुण का भाव भर, पहुँच प्रदान कर, बुनियादी ज्ञान से ही, बच्चों को जगाइए। संख्या की समझ लाएँ, प्रतिपुष्टि गुण पाएँ, लेखन की सौम्यता भी, सतत बढ़ाइए। संक्रिया गणित नित्य,…

मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

विद्यार्थी जो जीवन में करते न मेहनत, सदा पग-पग पर, भोगें खामियाजा हैं। दुनिया में कई लोग कर्ज में हैं डूबे हुए, जीने का तरीका देख, लगे महाराज हैं। संतति…

कीर्ति के धनी राजेंद्र बाबू- अमरनाथ त्रिवेदी

सच में  इस  दुनिया  में  जिया  वही , जिसे  जाने के बाद भी लोग  याद करते हैं। वरना जीते जी  लोग  याद  नहीं  करते, मरने के बाद तो केवल  फरियाद…

छुआछूत- नीतू रानी

भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए सबसे खास।…

मानव जीवन के निहितार्थ – अमरनाथ त्रिवेदी

माटी का  यह   बना  खिलौना, एक दिन माटी में मिल जाएगा। कोई नहीं  होगा हम  सबके संग, केवल धर्म-अधर्म  साथ  जाएगा। कुछ तो अच्छा कर  ले प्यारे, जो जीवन भर…

प्यारे-न्यारे चंदा मामा- अमरनाथ त्रिवेदी

चंदा मामा चंदा  मामा, लगते कितने प्यारे हो। अनगिनत तारों के संग तू , लगते शीतल न्यारे हो। तुममें जो शीतलता है , वह सबके मन को भाता है। भव्य…

शिक्षा है संकल्प हमारा – सुरेश कुमार गौरव

  शिक्षा है संकल्प हमारा, ज्ञान का दीप जलाना है। अज्ञान तिमिर को हराकर नई राह दिखलाना है। शब्दों का मधुर संगीत, ज्ञान का अमूल्य आधार। शिक्षा से उन्नति पथ…

दोहावली- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

  मन में सोच-विचार कर, करिए नव संकल्प। जीवन में सद्भावना, कभी नहीं हो अल्प। दान-पुण्य की भावना, हो जीवन का मर्म। कष्ट मिटाकर दीन का, करिए सुंदर कर्म।। भरें…