तापमान गिरने से मौसम बदलने से *धीरे-धीरे ठंडक का, बढ़ता प्रभाव है।* पंछियाँ तो घोसले में- रहतीं दुबककर, *पशु छिप कर खुद, करते बचाव हैं।* अमीरों को हीटर व- गीजर…
मैं राष्ट्र धर्म को अपनाया – राम किशोर पाठक
मैं बहती बन जाऊँ सरिता मैं जीवन में लाऊँ ललिता मैं झुंड यहाँ देखूँ कितने मैं ढूँढ रहा खुद के सपने मैं उतर सकूँ गहराई में मैं अपनी ही परछाई…
माँ वर दो-राम किशोर पाठक
शीश नवाऊँ, माता के दर, माँ वर दो। रचना लाऊँ, नित्य नया कर, माँ वर दो।। शरण तुम्हारी, गहने वाले, यह कहते। वह हर्षाया, आकर दर पर, माँ वर दो।।…
आसरा -रामपाल प्रसाद सिंह
पद्ममाला छंद 8 वर्ण आसरा पास बैठी है। खींचती मर्म की रेखा।। जन्म लेते जिसे देखा। आज माॅं खास बैठी है। आसरा पास बैठी है।। दर्द होने नहीं देती। मात…
याद उन्हीं की आती है -रामपाल प्रसाद सिंह
याद उन्हीं की आती है। निशि-वासर को चैन नहीं है,पीड़ा वाण चलाती है। छोड़ चले जाते हैं जग को,याद उन्हीं की आती है।। मेरी पीड़ा हरनेवाली,पीड़ा देकर कहाॅं चली। सिंधु…
झलक दिखाएं कृष्ण -रामकिशोर पाठक
झलक दिखाएँ कृष्ण- रोला छंद गीत मिल जाए फिर चैन, उन्हें आँखों में भरके। छलक उठे है नैन, याद मोहन को करके।। क्षमा माँग लूँ आज, सभी पापों के अपने।…
रिश्ता रखें सच्चा -जैनेन्द्र प्रसाद
प्रभाती पुष्प रिश्ता रखें सच्चा संगी-साथी मित्र सच्चे, मिलते कहांँ हैं अच्छे, संबंध जो बन जाए, रिश्ता रखें सच्चा है। किसी से जो नाता जोड़ें उसको निभाना सीखें, वरना तो…
आसरा पास बैठी है – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
खींचती मर्म की रेखा।। जन्म लेते जिसे देखा। आज माॅं खास बैठी है। आसरा पास बैठी है।। दर्द होने नहीं देती। मात रोने नहीं देती।। दौड़ती वो सदा आती।…
चिंता है रहती -रामकिशोर पाठक
चिंता है रहती- महा-शशिवदना छंद गीत दुख की सब गाथा, औरों से कहती। धन दौलत की, चिंता है रहती।। राम नाम जपिए, याद उन्हें करिए।। नेह प्रेम सबसे, चित में…
राम राम गाइए रामकिशोर पाठक
राम-राम गाइए- अनामिका छंद आप जो बता रहे। साथ में खता कहे।। रोष क्यों सदा गहे। दोष को यहाँ सहे।। आप तो उदार हैं। सत्य का विचार हैं।। भूल का…