दीपों की गरिमा दीप उम्मीद की किरण है , जो सपनों को जगाती । दिल मे प्रकाश भरकर , मन मे उजास लाती । कभी नफरत नही सिखाती , जहाँ तक प्रकाश जाए…
दीप पर्व – मनहरण घनाक्षरी
दीप पर्व – मनहरण घनाक्षरी दीप पर्व अनुपम, आया हरने को तम, रहे नहीं कोई गम, दीप को जलाइए। करें गणेश वंदन, लक्ष्मी पूजन-अर्चन, हर्षित हो तन-मन, नवगीत गाइए। शुभता…
दीप जलाना – कुंडलिया
दीप जलाना – कुंडलिया दीप जलाना आज है, जगमग करना व्योम। पुलकित पावन हो हृदय, प्रेम भरा हर रोम।। प्रेम भरा हर रोम, सभी से मिलकर कहते। हरण सभी हो…
दीप ज्योति नमो नमः।
दीप ज्योति नमो नमः। यत्र नास्ति दीपं तत्र वा तिमिरं। आगमनेसतत्र ज्योति कुतो वा तिमिरं।। यतो दीपं ततो धर्म:। दीप ज्योति नमो नमः।। लोके दीपं सत्यस्वरूपं। पथालोकितं यत भूपं।। सदा…
ऐसी होती दिवाली -रामपाल प्रसाद सिंह
कुकुभ छंद ऐसी होती दीवाली। मानस में दुर्भाव न होता,मुख पर बस होती लाली। आओ सोच-विचार करें हम, ऐसी होती दीवाली।। जितना हो सामर्थ्य हमारा,उतना भी कर पाते तो। पास…
दीपावली -एस.के पूनम
विधा:-मनहरण घनाक्षरी। दीपावली चहुँओर ज्योत जले, मिट जाए अंधकार, गणपति साथ बैठें ,आरती कर रहे। नगर शहर और , किया कस्बों ने श्रृंगार, प्रकाश से पुलकित,चाँद कुछ न कहे। झिलमिल…
प्रार्थना गीत रामकिशोर पाठक
प्रार्थना गीत भूल अगर हो जाए हमसे, माफ सदा कर देना। राम कृपा बस इतना करना, संबल का वर देना।। कष्टों में परिजन कुछ मेरे, तुझको सदा पुकारे। बिना तुम्हारे…
दिवाली की रात -जैनेंद्र प्रसाद रवि
दिवाली की रात में मनहरण घनाक्षरी छंद रोशनी का ये त्यौहार, खुशियांँ लाता अपार, घरों को सजाते लोग, दिवाली की रात में। लाते हैं वल्बों की लड़ी, छोड़ते हैं फुलझड़ी,…
हुई रौशनी जगमग जगमग -अमृता कुमारी
हुई रौशनी जगमग जगमग आज चारों ओर आओ मनाएं खुशियां सारे कि आज दीवाली है। देखो ..गांव और शहर भी देखो मानो तारे आसमां से हमसे हैं मिलने आएं कि…
श्री का अवतार रत्ना प्रिया
श्री का अवतार श्री, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त, माता आईं द्वार । भक्तों की सद्इच्छाएँ, पल में होें साकार ।। श्री चरण के आग्मन से, शुभता का हो वास , दु:ख, दारिद्रय…