हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…
माँँ-संध्या राय
माँ माँ है ममता, माँ है प्यार। माँ है जीवन का आधार। माँ से ही है जीवन, माँ है जीवनदायिनी। आँखों में माँ, बातों में माँ, रुधिरों में माँ बहती…
चंचल वन में कोरोना-निधि चौधरी
चंचल वन में कोरोना चंचल वन में आया कोरोना, भूल गए सब खेल खिलौना। बंदर मामा को हुआ बुखार, डूबा चिंता में जंगल परिवार। डाल डाल पर कूदा फानी, करते…
प्यारी मॉंं-ज्योति कुमारी
प्यारी मॉं माँ, मेरी माँ, प्यारी माँ कुछ कहना नहीं मुझे तुम्हारे लिए, इतने शब्द कहाँ से लाऊँ मैं, ईश्वर को देखा नहीं पर तू कहती है तो पत्थर को…
मां तेरे सदके जाऊंगी-चॉंदनी झा
मां तेरे सदके जाऊंगी जो प्रकृति है, जो शक्ति है, जिससे जीवन मिलती है। क्या संभव है लिख पाना उसकी कहानी? फिर भी मैंने, जो मां को जाना, जो महसूस…
अतुल्य रिश्ता-विजय सिंह नीलकण्ठ
अतुल्य रिश्ता माता होती है अतुल्य जिसे जानती दुनिया सारी अतुल्य रिश्ता है इनसे जो कहलाती माता प्यारी। सबसे पहले अनुभव करती फिर शुरू करती रखवाली स्व रक्त से सिंचित…
उन्मुक्त गगन-मनु कुमारी
उन्मुक्त गगन श्रृष्टि के सभी प्राणियों को भाता है स्वतंत्र रहना, पशु हो या पक्षी सभी चाहते हैं उन्मुक्त गगन में रहना। इसलिए तुम, उड़ लेने दो बेटियों को भी…
वृक्ष लगाओ-मधु कुमारी
वृक्ष लगाओ वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ जीवन अस्तित्व के लिए ऑक्सीजन के श्रोत बढाओ पर्यावरण को ही नहीं अपितु मानव अस्तित्व को बचाओ इसलिए वृक्ष लगाओ। धरती को सुंदर दुल्हन…
कोरोना का संकेत-लवली कुमारी
कोरोना का संकेत हाहाकार मचा है दुनिया में मेरे नाम का खौफ डर-डर कर जी रहे सभी बंद हो गया है मौज। कोरोना-कोरोना-कोरोना अब तो मुझे ही है सोचना मत…
राष्ट्रवादी कवि सोहन लाल द्विवेदी-कुमकुम कुमारी
राष्ट्रवादी कवि सोहन लाल द्विवेदी माँ सरस्वती के चरणों में, झुककर मैं वन्दन करूँ। मेरी लेखनी को शक्ति दो, माँ तुमसे यही अर्चन करूँ। राष्ट्रवादी कवि सोहन जी का, मैं…