जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
बाली रे उमरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
प्रभाती पुष्प मनहरण घनाक्षरी छंद बाली रे उमरिया 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 एक दिन राधा रानी भरने को गई पानी, भूल बस चली गई, गोकुल नगरिया। देख के सुंदर गांव ठिठक गई थी…
कविता – दीपावर्मा
कविता सोच कर किया नही जाता। यह तो मन के भावो की कहानी है। हृदय के उद्गार को शब्दो मे पिरोया जाता है। फिर उसे सुर और ताल से सजाया…
मां के बिना – मनु रमण चेतना
मां के बिना अब मेरा देखो , सूना यह संसार है। उदासी है घर में छाई, टूटा गम का पहाड़ है। खोई है मेरे घर की खुशियां , फींका अब…
होली – संजय कुमार
कुसुम किसलय खिलते हैं कुंञ्ज उपवन वाग में कोकिल मधुर कूकते हैं आम्र मंजर वाग में आग लगते हैं पलाश के फाग के ही मास में हवा मादकता लिए झूमते…
सजल – सुधीर कुमार
सजल मात्रा – 14 समांत – नहीं पदांत — आरी 222 222 2 शिव की शोभा है न्यारी । छवि लगती कितनी प्यारी ।। मस्तक पर चंदा चमके । शीतल…
चुनाव का असर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मेरे दिलवाले सैयां पड़ती हूं तेरी पैंया, ला दो चांदी की पायल, पहनूंगी पांव में। दिला दो रेशम साड़ी, चार चक्का होंडा गाड़ी, खेलने को रंग बैठ, जाऊंगी मैं गांव…
कोरोना भाई – नीतू रानी
विषय -मेरी माँ शीर्षक -सबसे अच्छा कोरोना भाई कोरोना भाई मेरे लिए अच्छा रहा ईस्वी १९, से २३ का करोना जो मेरी माँ को कहा अभी माँजी आपको नहीं है…
होली अंक – एस.के.पूनम
मचाया है हुडदंग, मर्यादा को किया भंग, भूल गया शालीनता,वाह भाई होली है। मदिरा पी झूम रहा, फटेहाल घूम रहा, नैयनो में नींद नहीं,खा ली भांग गोली है। छुप गई…
सांवला सांवरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
होली दिन राधा रानी भरने को गई पानी, सहेली के संग ले के, सिर पे गगरिया। मोहन हो मतवाला अबीर गुलाल डाला, अंग-रंग भींगी मेरी, चोली व चुनरिया। धो के…