विषय- मकरसंक्रांति गीत शीर्षक – स्कूल खुलल येअ हमार। गीत हे बहिना कोना मनायब मकरसंक्रांति त्योहार हे, स्कूल खुलल येअ हमार हे ना। हे बहिना ———२। पिया हमर छथिन प्रधान…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।। बदल दिशा दिनकर…
मुक्तक – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
हमारे देश की हिंदी, सुशोभित सौम्य-सी लगती। यही है भाल की बिंदी, बड़े ही गर्व से सजती।। मधुर रस भाव अनुरंजित, बनी हर कंठ की भाषा, बसे मन भावना ऐसी,…
बैलगाड़ी हाँकते – एस.के.पूनम
विधा:-मनहरण घनाक्षरी कड़कड़ाती ठंड है, प्रकाश की तलाश है, सूरज की प्रतीक्षा में,प्राची दिशा झाँकते। पक्षियों का कलरव, शबनम चमकती, कोहरे का पहरा है,बैठ आग सेकते। अन्नादाता खेत पर, फलियां…
लोहड़ी पर्व – मनु रमण चेतना
लोहड़ी आई!लोहड़ी आई। सबके मन में उमंग है छाई। सुख समृद्धि संग लेकर आती। सबको प्रेम से गले लगाती। पुराने फसल हैं काटे जाते । साथ नये फिर बोये जाते।…
स्वामी विवेकानंद – मनु रमण चेतना
स्वामी जी ने कर दिया,जग में ऐसा काम।। पर्वत से ऊँचा हुआ, फिर भारत का नाम।। राम कृष्ण गुरुदेव के ,पद पंकज सिरधार।। अमेरिका वह चल दिए, करने धर्म प्रचार।।…
नारी क्यों मजबूर हुई – नीतू रानी
नारी क्यों मजबूर हुई जब उसपर अत्याचार क्रूर हुई, तभी नारी मजबूर हुई। नारी पर पुरुषों का बज्र प्रहार, नारी खाती रही पुरुषों की मार। नारी पर बदनामी की दाग,…
सबसे मधुर वाणी – मीरा सिंह “मीरा”
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक मौलिक, स्वरचित रचना प्रेषित है आओ बच्चों तुम्हें बताएं सबसे मधुर वाणी है कौन। सबके दिल पर करे हुकूमत सुनो बच्चों…
हे सरकारी विद्यालय – अंजली कुमारी
हे सरकारी विद्यालय के नौनिहाल सुनो,। मिशन दक्ष में शामिल हे बिहार के लाल सुनो। शिक्षा के टूटी कड़ियों को तुम्हें पुनः मिलाना है,। आगे बढ़ चुके सहपाठियों के समकक्ष…
शिक्षा से जग होगा उजियार – मनु रमण “चेतना”
कलम उठाई है मैंने, अब हूं लिखने को तैयार। सत्य स्याह से खूब लिखूंगी, झूठ कपट पर कर प्रहार। ईर्ष्या , नफरत, घृणा द्वेष सब, यूं जायेंगे अब तो हार।…