हरिगीतिका- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

नवरात्रि में माॅं अन्नपूर्णा, रोहिणी कहलाइए। तू सात्त्विकी कल्याणकारी, चंडिका बन आइए।। काली त्रिमूर्ति महेश्वरी भव, भद्रकाली नाम हैं। आराधना करते सभी तो, लोग जाते धाम हैं।। संहार दैत्यों के…

मातु भवानी सुन- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

  ममतामयी मातु भवानी सुन, आद्या जननी तू सद्गति दे। इहलोक में जगदम्बा सुन ले, भवप्रीता मुझे शरणागति दे। ममतामयी मातु भवानी सुन। मैं मूढ़मति तू सुन आर्या, हे महातपा…

कालरात्रि माँ- रूचिका

  माँ कालरात्रि संकट दूर करो देवी त्रिनेत्री। रोग नाशिनी, दया करो माँ दुर्गे जग तारिणी। जय चामुंडा, साहस भर देती जग कल्याणी। अष्टभुजी माँ, चंड मुंड विनाशिनी आदि भवानी।…

विधाता छंद: एस. के.पूनम

  चरण छूलूँ भवानी माँ, पनाहों में मुझे पाओ। महादेवी जगतजननी, मुझे तो छोड़ मत जाओ। सदा तुम कष्ट ही हरती, तुम्हारे पास जो जाता। मिटेगा पाप उसका भी, दया…

जीवन के रास्ते – रूचिका

  अँधेरी रात के बाद आती उम्मीदों भरी सुबह, हर हाल में जीवन के तू सदा मुस्कुराता रह, वक़्त का पहिया अनवरत घूमता रहता है, किंतु-परंतु छोड़ अपनी बातों को…

नौ रूपों में दुर्गा माता – अमरनाथ त्रिवेदी

नौ  रूपों  में  दुर्गा माता  की  पूजा, परम पावन दुर्गा पूजा कहलाती है। नौ  दिनों  के  निरंतर  तपश्चरण  से, हृदय में अपार श्रद्धा उमड़ आती है ।। प्रथम पूजा  होती  …

मेरे नाना- नीतू रानी

मेरे नाना प्यारे नाना आपके घर, मेरा आना-जाना। जब भी हम जाते, हमें बुलाते, अपने पास वो हमें बिठाते। कुछ -न -कुछ नित हमें सिखाते, दो लाईन हमसे पढ़वाते।। कभी…

माँ कात्यायनी- डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

  ऋषि कात्यायन की हे सुता, यह दर्प तुम्हारा अद्भुत है। यह रूप तुम्हारा अद्भुत है, सौंदर्य तुम्हारा अद्भुत है। ज्योति द्युति प्रकृति अद्भुत, अनुराग तुम्हारा अद्भुत है। महिषासुर मर्दनी…