अग्निपथ के राही- अमरनाथ त्रिवेदी

  न  बची  किसी  की   जान   यहाँ, और   नहीं   सर्वदा    शान   रही। जो  भी   आया    इस   दुनिया   में, केवल कर्म ही उसकी पहचान रही।। न   रहे   अवधपति  श्रीराम   …

नववर्ष की नई किरण – अमरनाथ त्रिवेदी

नये वर्ष के नवारंभ में नये वर्ष के नवारंभ में, खुशियाँ खूब मना लें। अपने रिश्ते नातों के संग, प्रीति भाव  बढ़ा   लें। नव वर्ष खुशियों से गुजरे, कुछ ऐसा…

नववर्ष की नई सुबह – आशीष अम्बर

  आया नववर्ष लेकर नई सुगंध स्वर्णिम नूतन विहान। आँखों में उम्मीदों की चमक हर सीने में सुमधुर गान। धूल धूसरित हो जाए अवगुण, क्रोध, कलुष, अभिमान। निर्मलता हो जन-…

नव वर्ष – डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

  नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर लो। जो विकृति हो अपसंस्कृति हो, उसका चलो शमन कर लो। नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर…

खट्टी-मीठी यादें – रामकिशोर पाठक

  बीत रहा यह साल है, देकर खट्टी-मीठी यादों को। जीवन भर हम याद करेंगे, गुजरे कुछ संवादों को।। कुछ लाएगी मुस्कान होंठ पर, कुछ ऑंखों में मोती। कुछ से…