चिंता है रहती -रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

चिंता है रहती- महा-शशिवदना छंद गीत

दुख की सब गाथा, औरों से कहती।
धन दौलत की, चिंता है रहती।।

राम नाम जपिए, याद उन्हें करिए।।
नेह प्रेम सबसे, चित में ही धरिए।।
बोल उठी मुनिया, नहीं दु:ख सहती।
धन दौलत की, चिंता है रहती।।०१।।

जान-माल सबकी, खूब ख्याल अबकी।
याद रही अपनी, भूल गए रब की।।
कैसी यह दुनिया, भाव नहीं बहती।
धन दौलत की, चिंता है रहती।०२।।

राम नाम कहिए, सदा सुखी रहिए।
कर्म उपकार का, सत्य सदा गहिए।।
जीव वही सुख की, राम कृपा लहती।
धन दौलत की, चिंता है रहती।।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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