उड़ान – रुचिका

Ruchika

उड़ान

बच्चों तुम हो देश की जान,
बनाओ अपनी विशेष पहचान,
सीमाओं में मत बंधो तुम,
हो तुम्हारी उन्मुक्त उड़ान।

अक्षर-अक्षर से शब्द बनाओ,
शब्द को वाक्य में सजाओ,
हर वाक्य का अर्थ विशेष हो,
जिससे अपनी बातें कह पाओ।

अंक से कुछ ऐसे अवसर लाओ,
जोड़, घटाव, गुणा सीख जाओ,
भाग करो ताकि बाँट सको,
और फिर बराबर तुम चीजें पाओ।

तुम्हारी ज्ञान से ऊँची हो उड़ान,
जिससे मिले जीवन में सम्मान,
अंतरिक्ष तक पहुँचो, प्रगति करो,
हौसलों में तुम्हारी हो इतनी जान।

बच्चों तुम हो देश की धड़कन,
तुमसे ही जुड़ा है सबका ही मन,
उड़ान कभी कम न हो तुम्हारी,
निरंतर बढ़ता रहे तुम्हारा धन।

रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ गुठनी सिवान बिहार

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply