दोहावली- मनु कुमारी

Manu Raman Chetna

अमर रहे गणतंत्र यों, जैसे सूरज चान।
जन-जन का सम्मान ये, सबका है अभिमान।।

संविधान से है मिला, जीने का आधार।
बाबा साहब ने दिया,अनुपम-सा उपहार।।

हिंदू मुस्लिम सिख सभी, भाई हैं सुन मीत।
मिलजुल कर हमसब रहें, लेंगे जग को जीत।।

एक एक मिल दो नहीं,ग्यारह होते मीत।
नफरत छोड़ो यार अब,आओ कर लें प्रीत।।

मेरे जीवन का सखे, उत्तम है यह मंत्र।
देश सदा खुशहाल हो,अमर रहे गणतंत्र।।

‘मनु’ पावन गणतंत्र पर, करती यह ऐलान।
राष्ट्रभक्ति की राह में, दूँगी अपनी जान।।

मनु कुमारी
विशिष्ट शिक्षिका,मध्य विद्यालय सुरीगाँव, बायसी
पूर्णियाँ,बिहार

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