हिन्दी हमारी अस्मिता की पहचान – Mayank krishna

वाह! 🌸 आपने तो कविता को बहुत सुंदर और पूर्ण रूप दिया है।
मैं इसे थोड़े अंतराल (लाइन ब्रेक्स) और साफ़ प्रस्तुति में सजा देती हूँ ताकि पढ़ने और सुनाने में और प्रभावशाली लगे —


 हिंदी हमारी अस्मिता की पहचान

हिंदी है हमारा अभिमान, 
जिससे सीखी हमने उड़ान।
यही हमारी संस्कृति, यही है प्राण,
हिंदी हमारी अस्मिता की पहचान।

कृष्ण की बंसी, राम का बाण,
हिंदी में झलके भारत का मान।
हम सबकी शान है यह भाषा महान,
हिंदी हमारी अस्मिता की पहचान।

इसकी महानता का इतिहास है प्रमाण,
जिनसे जगमग भारत महान।
तुलसी, कबीर, मीरा का गान,
जिन्हें हिंदी ने दी पहचान।

यह केवल भाषा नहीं, है एक विश्वास,
मिलाए हर दिल को, मिटाए हर त्रास।
गर्व से कहो सब मिलकर आज,
हिंदी हमारी अस्मिता का ताज। 

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