फाल्गुन की बयार हो,
रंगों की फुहार हो,
संग मौसम मेहरबान हो,
और मन भी बेकरार हो,
जोगिरा स र र उद्गार हो,
तो समझना मेरे भाई,
कि आई होली आई रे।
खुशी और उमंग से,
होली खेलो रंग से,
होली एक ऐसा त्योहार,
मिटा दे सारी दूरियाँ,
पास लाए खुशियाँ अपार,
चलो गाएँ होली गीत रे,
कि आई होली आई रे।।
होली की महत्ता निराली,
टूटे दिलों को पिरो दे जैसे माली,
गिले शिकवे भुला दे जैसे हो काली,
रिश्तों की मान मर्यादा सिखलाती,
एकता और बंधुत्व को बढ़ाती,
संग मिल खेलो होली रे,
कि आई होली आई रे।।
विवेक कुमार
भोला सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरुषोत्तमपुर, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर,
होली होली आई, होली आई, रंगो का त्योहार है लाई। सबके लिए ये खुशियाँ लाई। चुन्नु मुन्नु ने आवाज लगाई, होली आई, होली आई। सोनू मोनू ने भरी पिचकारी एक दूसरे को रंग लगाई। भगलु काका ने भांग घोलाई, होली आई, होली आई। युवाओं पर है मस्ती छाई, जोगीरा सारा…
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क्या ये ही होली है ? मितवन ये बतला तू जरा, कि , क्या ये ही होली है ? गेहूँ की बलियाँ झूम झूम, हवा के संग जब नाचे लगी, चना की फलियाँ सोनहाई लगी मंजर आम मौराई लगी , और फलियन आँख नजराई लगी , फिर जायद फसल फूल…