होली आई रे – विवेक कुमार

Vivek kumar

फाल्गुन की बयार हो,
रंगों की फुहार हो,
संग मौसम मेहरबान हो,
और मन भी बेकरार हो,
जोगिरा स र र उद्गार हो,
तो समझना मेरे भाई,
कि आई होली आई रे।

खुशी और उमंग से,
होली खेलो रंग से,
होली एक ऐसा त्योहार,
मिटा दे सारी दूरियाँ,
पास लाए खुशियाँ अपार,
चलो गाएँ होली गीत रे,
कि आई होली आई रे।।

होली की महत्ता निराली,
टूटे दिलों को पिरो दे जैसे माली,
गिले शिकवे भुला दे जैसे हो काली,
रिश्तों की मान मर्यादा सिखलाती,
एकता और बंधुत्व को बढ़ाती,
संग मिल खेलो होली रे,
कि आई होली आई रे।।

विवेक कुमार
भोला सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरुषोत्तमपुर, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर,

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