इस वर्ष की ईद -संजय कुमार

बड़ा सुहाना है, मौसम इस माह का चेहरे के भाव बताते हैं खुशियों की रंग खेलते हिन्दू बरसाते फूल मुस्लिम अता करते नमाजियों पर, बरसाते गुलाब हिन्दू यही तो रूप…

वो होली का अंदाज़ कहाँ -अवनीश कुमार

अब वो फनकार कहाँ, अब वो रंगों का चटकार कहाँ, अब वो अल्हड़-सी शरारतें कहाँ, अब वो फाल्गुन का अंदाज़ कहाँ? अब वो ढोल-मंजीरा सजी शाम कहाँ, सजी महफ़िल में…