सागर ने नदी से कहा- सरिते! लोग कहते हैं, तुम नदी समान बनो, चलो, निरंतर चलो, विघ्नों को लाँघकर, अनवरत आगे बढ़ो, नदी ने सागर से कहा- तात! मेरी शरण…
Author: Anupama Priyadarshini
हरियाली विकसाएँ हम- रत्ना प्रिया
सूरज के प्रचण्ड ताप से , अब नहीं कुम्हलाएँ हम । आओ करें श्रृंगार धरा का, हरियाली विकसाएँ हम ॥ पंचभूतों की प्रकृति में, नित्य विष हम घोल रहे, अपने…
मृत्यु -गिरीन्द्र मोहन झा
मृत्यु अटल है, शरीर की, मरण असम्भव, जमीर की, मृत्यु यदि मिले सुमृत्यु तो, देश हित, लोक हित में हो, यह मृत्यु अमर बना देती है, उच्च विचार, उच्च आदर्श…
है बेबस धरती – एस.के.पूनम
मनहरण घनाक्षरी बहती है कलकल, सोचती है हरपल, सूखे नहीं नीर कभी,यही दुआ करती। तट पर आशियाना, साधु-संतों का ठिकाना, होता यशोगान हरि,वेदना को हरती । गर्भ में जहान पले,…
वन गमन – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति
वन गमन (तंत्री छंद) जनक दुलारी, हे सुकुमारी, कैसे तुम,वन को जाओगी। पंथ कटीले,अहि जहरीले, कैसे तुम,रैन बिताओगी।। सुन प्रिय सीते, हे मनमीते, आप वहाँ,रह ना पाओगी। विटप सघन है,दुलभ…
किसने रोका है? – गिरीन्द्र मोहन झा
किसने रोका है? अंधेरा घोर घना है, एक बत्ती जलाने से किसने रोका है? प्रदूषण बहुत ही है, एक पेड़ लगाने से किसने रोका है? निराशा है चारों ओर, उर…
तुझे अपनाना है- एस.के.पूनम
गगन में मेघ छाए, ठंडी-ठंडी बूंदें लाए, अंबु से सरिता भरी,हरि को पिलाना है। चल पड़े आप साथ, थाम रखें मेरा हाथ, नदियाँ उफन रही,उस पार जाना है। कन्हैया की…
लक्ष्य और दिशा- गिरीन्द्र मोहन झा
लक्ष्य से अधिक है दिशा महत्त्वपूर्ण, सही दिशा में सतत करते रहो प्रयास, यदि दिशा सही हो, तो तू अगर नहीं, कोई और पीढ़ी जाएगी लक्ष्य के पास, इतना ही…
Those Clint Eastwood Thoughts – Ashish K Pathak
Don’t look for Luxury in ⌚Watches Or Bracelets Don’t look for luxury in Forks Or Sails Luxury is laughter and friends Luxury is Rain on your face Luxury is honest…
आओ मिलकर योग करें – खुशबू कुमारी
साथियों योग करो, तन को निरोग रखो। योग से मिलती सुंदर काया , शांत चित्त एवं निर्मल छाया। समस्त रसों का सार है योग, सभी सुखों का आधार है योग।…