मैं पंछी बन उन्मुक्त गगन में, दुनियां का भ्रमण करुं। काली-घटा की बलखाती बादल में भींग जाऊं।। यह मेरी अभिलाषा है। मैं सूर्य के प्रकाश की तरह, प्रकाश-मान हो जाऊं।…
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आहट – जयकृष्णा पासवान
वक्त अभी ठहरने का है, और समय बहुत परेशान हो- गया है। मन का अभी सुनिए मत, दिल अभी लहू-लुहान हो गया है।। अश्क़ का दरिया अभी, सुखता ही नहीं…
गंगा अब मैली नहीं- कंचन प्रभा
सुनाई देती है वही सुरीले पंछी की चहचहाहट फिर से है हवाओं में शीतल सी वही गीतों की गुनगुनाहट फिर से दिखाई देती है अब साँझ की दुल्हन में शरमाहट…
भविष्य के प्रति आशा -अमरनाथ त्रिवेदी
भविष्य बनने से पहले , इतिहास न बनो तुम । कर्त्तव्य के आलोक को , विस्मृत न करो तुम । समझो न ऐसा कार्य कोई , जिसे तुम कर सकते…
इंसान बनके दिखलाओ -अवनीश कुमार
हुए स्वार्थी और लोभी आज के मानव समझ नही ये बन बैठे है दानव काम ,क्रोध,मोह ,लोभ के पाश में नित बंधते ये मानव क्षणिक स्वार्थ के पूरन में भी…
आस की रौशनी – कंचन प्रभा
फूलों की खुशबू नभ प्रभात की आस भवरों की गूँजन संसार का मोह पाश है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी धरती की लाली अम्बर की रंगत जुगनु की जगमग…
बौनी उड़ान – कंचन प्रभा
ये उड़ान अभी बौनी है मुझे ऊपर बहुत ही जाना है। ये थकान अभी थोड़ी है मुझे अन्त समय तक निभाना है। आसमान को छूने की तमन्ना नही दिल में…
खूब करेंगे नूतन वर्ष का स्वागत-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
खूब करेंगे नूतन वर्ष का स्वागत बिगत वर्ष रहा बड़ा दुखदाई कितनों ने है उसमें जान गंवाई काम धंधे भी लोगों से छीनकर कर गया चौपट कमाई धमाई विगत वर्ष…
आशाएं 2022-मुकेश कुमार
आशाएं 2022 जाते हुए प्यारे वर्ष सुनो एक नई उम्मीद तुम ले आना, जाते-जाते सबों से मिलकर एक सुखद रास्ता बना जाना ! है तेरे से कुछ गिले-शिकवे पर मिला…
जीवन की मुस्कान-प्रीति
जीवन की मुस्कान बहुत दिनों के बाद आज फिर से कुछ याद आया, कोरे कागज ने फिर मन को है गुदगुदाया। ऊँगलियाँ लेखनी संग करने लगीं अठखेलियाँ, सोच सोच मन…