कुंडलिया- देव कांत मिश्र ‘दिव्य

माता की आराधना, करो सदा प्रणिपात। अंतर्मन के भाव में, भरो नहीं आघात।। भरो नहीं आघात, कर्म को सुंदर करना। मन की सुनो पुकार, पाप को वश में रखना। पढ़कर…

कविता-कुमकुम कुमारी

मनहरण घनाक्षरी श्रीकृष्ण 1:- हे कान्हा सुनो पुकार, हम आए तेरे द्वार, विनती करो स्वीकार, भव पार कीजिए। दे दो आशीष अपार, हो प्यारा यह संसार, तुम हो प्राण आधार,हमें…

कबीर दास

कबीर दास जी की जयंती पर याद करते हुए… 🙏     सच से सामना करवाते है।   झूठ – अंधविश्वास को आईना दिखाते है।   कोई चाकू,बंदूक तलवार नही…

माँ दुर्गा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

माँ दुर्गा दुर्गतिनाशिनी माँ दुर्गा की, होती जय-जयकार। आदिशक्ति जगदंबा की है, महिमा अपरंपार।। निर्मल मन से जग जननी के, करें विमल-गुणगान। सद्विचार श्रद्धा अर्चन से, पाएँ शुभ वरदान।। नेह…

जय शिव – रूचिका

जय शिव नीलकंठ, महादेव, भोलेनाथ, त्रिपुरारी बीच मँझधार हम पड़े बाधा हरो हमारी, तुम चन्द्रशेखर,शिव शंभु भोलेनाथ हो, तेरे ही महिमा से संकट जाये सब टारी। तुम आदि हो ,अनंत…

जय त्रिपुरारी – कुमकुम कुमारी

जय त्रिपुरारी सुन लो विनय हमारी, हे उमापति त्रिपुरारी। मैं आई शरण तुम्हारी प्रभु दूर करो अंधियारी। अँखिया मेरी है प्यासी, तेरे दर्शन की अभिलाषी। हे गिरिजापति कैलाशी, अब दर्शन…