आने वाला कल -चंचला तिवारी

कल हमको तुम ना पाओगे बताओ कैसे हमें भुलाओगे ? कैसे उलझनों को सुलझाओगे? किसपे झुंझलाहटों को बरपाओगे? कल हमको तुम ना पाओगे संग किसके तुम मुस्कुराओगे ? किस्से कहानिया…

बालिका-शिक्षा – पामिता कुमारी

बेटी पढाईला से कछु नय बिगरतै हे बाबूजी तोहर पगड़ी नय गिरतै। बेटी और बेटा में भेद नय करिहो, दोनो के साथे-साथ पढाईहो लिखाइहो, बेटी पढाईला से इज्जत नय घटतै,…

मन की चाह -एस.के.पूनम

मुक्त रहूँ निशा के स्याह चादर से, बहते शीतल पवन के झोंकों में, भोर भए अंगडाई लूँ नूतन वेला में, प्रकृति की सौंदर्य समाहित हो मुझमें। बंद चक्षुओं को खोलता…

प्रभाती पुष्प- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी ****** लाखों मनुहार करें, कितना भी प्यार करें, पिंजरे में बंद पक्षी खुश नहीं दिखता । समय प्रभात रहे, दिन याकि रात रहे, हमें जाग जाने पर चोर…

नारी शक्ति -जयकृष्ण पासवान

चंडी की अवतार तू अबला, जग है तेरे रखवाले। रुप धारण की आन पड़ी है, अब तेरे किस्मत उजियारे।। “धधक रहा ज्वाला मन की” इसको तुम प्रतिकार करो। झुको नहीं,रूको…