साक्षात भगवान **†***†****†*****†*****† करते हम गुरु वंदना,धर चरणों का ध्यान, जिनकी कृपा कटाक्ष से,मिटे सकल अज्ञान। गुरु कृपा से सर्वसुलभ, ज्यों करते गुणगान। शरणागत हो जाते हीं, तजकर निज अभिमान।…
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वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत- राम किशोर पाठक
वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत गुरुवर तेरे वैभव न्यारे। वंदन गुरु का करते सारे।। जो जन शरण तुम्हारी आते। पीड़ा मन की सहज भगाते।। सबको वर…
गुरु – रुचिका
गुरू अज्ञानता के गहन तिमिर से, ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए। मन के भीतर के तमस मिटाकर, रोशनी चारों ओर पहुँचाए। गुरू के दिये ज्ञान से हमारा जीवन…
गुरु पूर्णिमा – मनु कुमारी
गुरु पूर्णिमा पावन दिन है आज का ,जन्म लिए ऋषि व्यास। तीन लोक नौ खंड में ,मानो हुआ उजास।। वेदों,की रचना किये,लिखे जगत का सार। कहती श्रीमद्भागवत, गुरु हैं अगम…
संस्कृतम् अहं पठामि – राम किशोर पाठक
संस्कृतम् अहं पठामि भाषायाम् जननी अहं नमामि। सखे! संस्कृतम् अहं पठामि।। ज्ञानं वा विज्ञानं वा सर्वे इव धार्यते। मानवोत्थानाय सुकृतं इव कार्यते।। उत्थानाय सर्वेषां इव अनुसरामि। सखे! संस्कृतम् अहं पठामि।।…
सहज धरा को स्वर्ग बनाएँ – अंजनेय छंद गीतिका – राम किशोर पाठक
सहज धरा को स्वर्ग बनाएँ – अंजनेय छंद गीतिका आओ मिलकर देश सजाएँ। जन-मानस को पाठ पढाएँ।। सभी भेद का त्याग करें हम। सबको सबसे गले लगाएँ।। होड़ मची बस…
तू हीं जग के मालिक – अमरनाथ त्रिवेदी
तू ही जग के मालिक तू ही जग के नैया , तुम्हीं हो खेवैया । तुम्हीं जग के मालिक , तुम्हीं रास रचैया ।। मेरे प्राण भी तुम्ही हो , शक्ति…
विवेकानंद – अहीर छंद – राम किशोर पाठक
विवेकानंद – अहीर छंद मानव का निज धर्म । किए सदा शुचि कर्म।। लिए अलौकिक ज्ञान। दिए अलग पहचान।। अद्भुत बुद्धि विवेक। विवेकानंद नेक।। सपने लिए अनेक। करना भारत एक।।…
वर्षा और जन-जीवन – अमरनाथ त्रिवेदी
वर्षा और जनजीवन वर्षा ही देती हम सबकी पहचान । इसके बगैर निकल रही सबकी जान ।। बिन वर्षा के सब बेहाल । सूखे हैं सब पोखर ताल । वर्षा…
जल बूँदों के संग में – मुक्तामणि छंद गीत- राम किशोर पाठक
जल बूँदों के संग में – मुक्तामणि छंद गीत वर्षा आती देखकर, झूम उठे हैं सारे। जल बूँदों के संग में, जीवन राह निहारे।। झुलस गयी धरती लगी, गीत नयी…