बाल श्रमिक की व्यथा-सुरेश कुमार गौरव

शिक्षा के मंदिर में जाऊं तो जाऊं कैसे! जैसे सब बच्चे हाजरी लगाते हैं जैसे!! है मजबूरियां मेरी और जिम्मेदारियां भी! शिक्षा के रोज गीत गाने का इरादा बदल गया!!…

ठंड कटे कोट से- एस.के.पूनम

विद्या:-मनहरण घनाक्षरी निकली है हल्की-हल्की, कहीं धूप-कहीं छांह, मौसम बेदर्द बना,पवन की चोट से। ताक-झांक कर रहा, बारबार झरोखों से, लालिमा दिखती नहीं,बादलों के ओट से। बूंदाबांदी होती रही, भरा…

“मानवी”- सुरेश कुमार गौरव

हुई धरा पर जब से मैं अवतरित,श्रद्धा का पूरा आवरण हूं, नाम धराया “मानवी” व “अंशिका”,इसी का मैं अन्त:करण हूं, सबकी गोद में खेलती-देखती, चहुंओर बांटती खूब ममता सबके मन…

हृदय की गांठ खोलता ज्ञान -मीरा सिंह “मीरा”

ज्ञान खुशी का एक पिटारा ज्ञान बनाए जीवन न्यारा। करें जहां पर ज्ञान बसेरा रहता नहीं दुखों का डेरा। हृदय की गांठ खोलता ज्ञान खुशियों का लगे रोशनदान। झिलमिल करती…

हमारा पहनावा हमारी संस्कृति- धीरज कुमार

हर भारत के वासी है, भारतीयता है पहचान हमारी। दुनिया के लोगो के बीच पहनावे से होती पहचान हमारी।। पश्चिमी फैशन को अपनाना यदि शौक है हमारी। भारतीय संस्कृति की…

अतुल्य टीका- सुरेश कुमार गौरव

सदियों पूर्व की गई अपने यहां “टीकाओं” की अनूठी शुरुआत एक से बढ़कर एक हुए विद्वजन किए अद्भुत संस्कृति की शुरुआत। अपने देश की कई परंपराएं भी हैं बेहद अर्थपूर्ण…