काम का महत्व-जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

सीखाते कुरान-गीता, गुरुजन माता-पिता, हमें ये जीवन नहीं, मिला है आराम को। मजदूर किसानों को मिलता विश्राम नहीं, सुबह सबेरे जाग, चल देते काम को। कोई काम छोटा-बड़ा होता है…

बिरसा मुंडा की जयंती-रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

आजादी आधार, मिली जब से भारत को। दौड़ पड़े सबलोग,विनत हुए सु-स्वागत को।। सुनकर विस्मित मान,रहे हैं खुद को प्राणी। कितने तन बलिदान,हुए हैं जग कल्याणी।। श्रेष्ठों में से एक,आज…

यूँ ही लम्हें बीत  जाएँगे – अमरनाथ त्रिवेदी

यूँ ही लम्हें बीत  जाएँगे , न हम रहेंगे न तुम रहोगे  फिर अपनी बात   कहाँ  और किसको कहोगे ? यह अंतहीन  सिलसिला  चलता ही जाएगा । क्या यह कभी  कहीं रुक भी…

हां मैं शिक्षक हूं।

जीवन के अंधियारे को, नित्य निज प्रकाश से भारती हूं। तुम कहते हो मैं ठहरी हूँ, पर मैं निर्झर बनकर बहती ‌‌हूँ । हां मैं शिक्षक हूं। यदि मैं कर्म…

सुनीता तेरे धैर्य – मनु कुमारी

चहुंओर ओर है छाई खुशियां,नवकलियां मुस्काई है । फ्लोरिडा के तट पर देश की बेटी, आज उतरकर आई है।। साहस शौर्य से भरी वो युवती, धैर्य दृढ़ता का पहन लिबास…

फणीश्वरनाथ रेणु: विधा- दोहावली- रामकिशोर पाठक

कथा भाव ऐसी सरल, जैसे स्वर दे वेणु। उपन्यास वैसी लिखें, फनीश्वर नाथ रेणु। हृदय छूता रहा सदा, उपन्यास का भाव। उनकी रचना में दिखा, गॉंव घर से लगाव।। दर्द…

छुआछूत- नीतू रानी

भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए सबसे खास।…

स्वामी विवेकानंद – मनु रमण चेतना

स्वामी जी ने कर दिया,जग में ऐसा काम।। पर्वत से ऊँचा हुआ, फिर भारत का नाम।। राम कृष्ण गुरुदेव के ,पद पंकज सिरधार।। अमेरिका वह चल दिए, करने धर्म प्रचार।।…