है दिल से यही अरमान मेरी, मैं कुछ करके दिखला जाऊं। आशाहीन मानव के घर, उम्मीद के दीप जला आऊं। अमीरों के संग सुख -दुख में , सब साथ खुशी…
Category: padyapankaj
Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
प्रशिक्षण – गौतम भारती
प्रशिक्षण क्या है ? क्यों घबराना ? क्यों करना कोई बहाना है ? कौशल का है लेना – देना 2 बस करके ही तो सिखाना है । प्रशिक्षण क्या है…
पढ़ें -लिखे को मुर्ख बनाता है – नीतू रानी
विषय -अनपढ हुकूमत करता है। शीर्षक – पढ़ें -लिखे को मुर्ख बनाता है। अनपढ़ हुकूमत करता है, पढ़े-लिखे को बेवकूफ बनाता है । सोचता है हम हैं बहुत पढ़े उसी…
Human Solidarity is the Need – Ashish K Pathak
When hearts and hands join Compassion and Cooperation triumphs Over narrow minds and divisions; Challenges turn into opportunity and Our destinies get intertwined; We end up creating a secure future…
दिल के एहसास – मनीष कुमार शशि
माँ सरस्वती का आराधक पुस्तक का हूं मैं अनुयायी गुरुकृपा से ही रग रग में मेरे लेखन की कला उभर आई समय चक्र सदा एक समान नही रहता जग में…
मेरा गाँव मेरा गौरव – नीतू रानी
मेरा गाँव मेरा गौरव है, ये शहरों से भी बढ़कर है। यहाँ है शांति सुख और चैन, यहाँ करुणा से भरी रहती नैन। यहाँ घनी -घनी बस्तियाँ, यहाँ पर बहती…
पिता – दया शंकर गुप्ता
गलतियों से सुधरने को, जीवन में कुछ बनने को, जिंदगी से संघर्ष करने को, यूं खाली ना बैठे रहने को, प्यार से या दुत्कार से मुझको अब ये कौन कहे?…
समय सही पुराना है – Manish Kumar Shashi
बदल गया भई ज़माना है, समय सही वही पुराना है। बदल गए सभी रिश्ते-नाते, बिखर गया बड़ा घराना है। परत गया जुबां से अपनी, नया – नया बना बहाना है।…
करै छी हम नाच – नीतू रानी
मिशन दक्ष मिशन दक्ष में पढबै छी हम, बच्चा केवल पाँच , खुशी सेअ करै छी हम नाच । बच्चा पढै येअ मन खुश होययेअ स्कूल में होययेअ जाँच ,…
बचपन – सुधीर कुमार
सजल मात्रा – 14 समांत – आया पदांत — बचपन मोबाइल खाया बचपन । क्यों ऐसा लाया बचपन ? सब कुछ छीन लिया इसने । खेल बिना पाया बचपन ।।…