कविता सोच कर किया नही जाता। यह तो मन के भावो की कहानी है। हृदय के उद्गार को शब्दो मे पिरोया जाता है। फिर उसे सुर और ताल से सजाया…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
होली – संजय कुमार
कुसुम किसलय खिलते हैं कुंञ्ज उपवन वाग में कोकिल मधुर कूकते हैं आम्र मंजर वाग में आग लगते हैं पलाश के फाग के ही मास में हवा मादकता लिए झूमते…
कोरोना भाई – नीतू रानी
विषय -मेरी माँ शीर्षक -सबसे अच्छा कोरोना भाई कोरोना भाई मेरे लिए अच्छा रहा ईस्वी १९, से २३ का करोना जो मेरी माँ को कहा अभी माँजी आपको नहीं है…
पुरुष- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
यदि तुम विवेक सम्पन्न हो धर्म की वैज्ञानिकता को समझते हो अभ्युदय व निःश्रेयस की सिद्धि करते हो तो निश्चय ही तुम पुरुष हो… यदि तुम ऊर्ध्वगामी हो प्राकृतिक संपदा…
दिखता उल्लास है- एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 मनहरण घनाक्षरी अमिया की डाली पर, कान्हा बैठे छुपकर, राधारानी ढ़ूंढ रहीं,सखियाँ उदास है। रंगों का त्योहार आया, चहूँओर हर्ष लाया, बाल-सखा दौड़ पडा़,मिलन भी खास है।…
मंजरी भी न्यारी है – एस.के.पूनम
सरसों के पीले-पीले, फलियों में दाने भरे, झूम रही हवा संग,कलियाँ ये प्यारी है। रस चूसे मधुकर, किसलय पर बैठ बनाया है देवाहार,अद्भुत तैयारी है। पूनम की रात आज, महकी…
कृपाण घनाक्षरी – एस.के.पूनम
कवियों की गोष्ठी आज, साध कर सुर साज, खोल देते सारे राज,कवित्त करे झंकार । शब्द जोड़-तोड़ लिखा, कविता पढ़ना सीखा, जहाँ-जहाँ मुझे दिखा,कहाँ श्रम से इंकार । करके वाचन…
गीत -सुधीर
गीत – ३२ यति – १६,१६ २२२२ २२२२ धरती की चूनर हरियाई , रंग बसंती सब पर छाई । खेतों में सरसों लहराते , तन मन दोनों को महकाते ।…
जाग सखी – मीरा सिंह “मीरा”
तुम तो हो मधुमास सखी जीवन का अहसास सखी तेरी चर्चा आज बहुत मत समझो परिहास सखी उम्मीदों के पंख लगा छू लो तुम आकाश सखी। देख रही दुनिया सारी…
गीत – मुकेश कुमार मृदुल
थाम तुम्हारी उँगली पापा! चलना सीखा डगर-डगर। और तुम्हारे कंधों पर चढ़ देखा मैंने गाँव-शहर। अपनी क्षमता झोंकी तुमने मुझको सतत पढ़ाने को सभ्य आचरण भी सिखलाया लोगों से बतियाने…