जल से भरकर पात्र को रखना निशदिन भाय, आएगी चिड़िया पानी पीने जाएगी प्यास बुझाय। पीती है पानी चिड़िया हृदय से निकलता धन्यवाद, जो पानी पिलाने का पुण्य करता वह…
Category: Prem
Love has no definition, and it is a feeling that comes within the heart. The meaning of love can be different for different people, different age groups, and different relationships, but the surface is the same for everyone. Love comes from knowledge, and for this, one needs to understand oneself.
प्रेम की शक्ति – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
आओ मिल हम गायें सब गीत, है प्रेम की रीत सुहावनी भाई। प्रेम की शक्ति अपार सुनो, इस शक्ति से पार न दूजो है पाई।। ढाई है आखर प्रेम सुनो,…
गीत – श्वेता साक्षी
सबके दिल में मोहब्बत अमन चाहिए मुझको हंसता हुआ इक वतन चाहिए हिंदू मुस्लिम की बातें करे न कोई धर्म के नाम पर यूं मरे न कोई न ही मृतचैल…
पेड़ भी है जीवित प्राणी- नीतू शाही
हर दिल में बस एक ही वाणी, पेड़ भी है जीवित प्राणी। मुझे पेड़ लगाने और लगवाने में, आता है आनंद की अनुभूति । मैं खुश हूं कि मैने जीवन…
रोटी और चाँद-शिल्पी
प्रेम है राजू को केवल रोटी और चाँद से रोटी जो मिटाती है भूख उसकी देती है उसे नींद, संतोष आकाश भर चाँद जो बढ़ाता है भूख उसकी मिटाता है…
मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
सिर घुँघराले लट, तन पीतांबर पट, बहुत है नटखट, साँवरा साँवरिया। मंत्र मुक्त होता कवि, जाता बलिहारी रवि, मन को लुभाती छवि, होंठों पे बाँसुरिया। जाता पनघट पर, ग्वाल-बाल मिलकर,…
पर्यावरण दिवस – नीतू रानी
आओ राजू आओ राधा पहन के कपड़ा हरा और सादा, चलो हमसब मिलकर पेड़ लगाए क्यूंँ करते हो देरी ज्यादा। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ पेड़ को तुम कभी न कटाओ,…
माँ- दीपा वर्मा
माँ के बिन न हमारा अस्तित्व संभव है। न हमारा जीवन। न संसार , न हमारे अच्छे संस्कार। दुनिया मे अगर कोई हमारा सगा है तो हमारी माँ। मां की…
माँ तुम कितनी अच्छी थी- नीतू रानी
विषय – माँ (मदर्स डे) शीर्षक -माँ तुम कितनी अच्छी थी। माँ माँ तुम कितनी अच्छी थी बिल्कुल देवी जैसी थी , हृदय तुम्हारा स्वच्छ व शीतल पवित्र नदी गंगा…
प्रेम का उपहार – एस.के.पूनम
ऊँ कृष्णाय नमः
वार्णिक मुक्तक(वर्ण भार-13 ) प्रदत्त विषय- काजल। (प्रेम का उपहार) प्रिया जब मिली थी हुआ बेकरार, प्रीत पा प्रेयसी से किया इकरार, बिताया जाग दिवा हो या…