रेशम धागा में अटूट नाता – गिरीन्द्र मोहन झा

नाता अटूट है- बहन और भाई, रेशम का धागा औ’ भाई की कलाई, बहन के लिए क्या-क्या सौगातें आईं, प्रेम की, रक्षा की, कितनी खुशहाली छाईं, राखी के ऋण से…

कच्चे धागों में – अशोक कुमार

कच्चे धागों में, रिश्ते निभाना। भाई मेरी जान है, इसको ना भुलाना।। बहनों का प्यार तू, भाई मेरा संसार तू। राखी के बंधन को, कभी ना भुलाना।। रिश्ते हमेशा तू,…

राखी – ब्यूटी कुमारी

सावन को आती राखी बहना को हर्षाती राखी। प्रेम के धागे संग, मन में भर आता उमंग। रंग- बिरंगी देखो राखी, कुमकुम चंदन और मिठाई बहना की सज गई थाली।…

भारत की पहचान तिरंगा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

आजादी की शान तिरंगा। भारत की पहचान तिरंगा।। फलित साधना वर्षों की है, करते हम गुणगान तिरंगा। केसरिया साहस से गुंफित, त्याग शक्ति बलिदान तिरंगा। धवल प्रभा-सी विमल सादगी, चक्र…

देश हमारा भारत प्यारा – सुरेश कुमार गौरव

  सदियों से देश हमारा भारत प्यारा सारे जहांँ से है यह बहुत ही न्यारा। रंग-रुप, भेष-भाषा में है विविधता इसकी अनेकता में भी है एकता। फिर भी है इसकी…

भारत का अभिमान तिरंगा – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

भारत का अभिमान तिरंगा। हम तो हैं उस देश के वासी, जहाँ बहती नित्य पावन गंगा।। उत्तर में है खड़ा हिमालय, दक्षिण में सागर लहराए। पश्चिम में गुजरात मराठा, है…

खुद मनुष्य बन, औरों को मनुष्य बनाओ- गिरीन्द्र मोहन झा

सदा कर्मनिष्ठ, सच्चरित्र, आत्मनिर्भर बनो तुम, जिस काम को करो तुम, उससे प्रेम करो तुम। नित नई ऊँचाई छूकर, सदा आगे बढ़ो तुम, यदि कर सको तो, जरुरतमंदों की मदद…