उपयोगी वृक्ष – कर्ण छंद – राम किशोर पाठक

उपयोगी वृक्ष – कर्ण छंद तरुवर का रखकर ध्यान, सदा जीवन को सुखमय पाते। देकर इनको हम मान, धरा को पावन करते जाते।। तरुवर हैं जीवन मूल, यहाँ अबतक जिसने…

एक अनोखी प्रेम कहानी- गीत- राम किशोर पाठक

एक अनोखी प्रेम कहानी- गीत युग पुरुष एक ऐसा देखा, देखी जिसमें अलग रवानी। आओ तुमको याद दिलाए, एक अनोखी प्रेम कहानी।। गया गहलौर में जन्में थे, दशरथ मांझी गुमनाम…

राष्ट्र गान हम गाएँ – मुक्तामणि छंद गीत – राम किशोर पाठक

राष्ट्र गान हम गाएँ – मुक्तामणि छंद गीत बच्चों में उत्साह को, भरने आगे आएँ। मन हर्षित हो झूम ले, राष्ट्र गान हम गाएँ।। आजादी के पर्व को, हम-सब आज…

पुष्पित हिंदुस्तान है – महाधरणी छंद गीत – राम किशोर पाठक

पुष्पित हिंदुस्तान है – महाधरणी छंद गीत नमन शहीदों को करें, वीरों का बलिदान है। जिनके पावन त्याग से, पुष्पित हिंदुस्तान है।। हाल बुरा सबका यहाँ, अंग्रेजों के काल में।…

यह दिन पाया खास है – प्रदीप छंद गीत – राम किशोर पाठक

यह दिन पाया खास है – प्रदीप छंद गीत देश हमारा आजादी में, चैन हमारे पास है। कुर्बानी को देकर हमने, यह दिन पाया खास है।। अमन रहे नित चमन…

आजादी हमने है पाई – प्रदीप छंद गीत – राम किशोर पाठक

आजादी हमने है पाई – प्रदीप छंद गीत भारत की धरती शोणित कर, तन-मन लहूलुहान से। आजादी हमने है पाई, अपनों के बलिदान से।। हाल बुरा था अपना हरपल, हम-सब…

आजादी – महाचण्डिका छंद गीत – राम किशोर पाठक

आजादी – महाचण्डिका छंद गीत इसका अपना अर्थ है, सबको यह समझाइए। आजादी के मूल्य को, जरा समझने आइए।। सहते अत्याचार थे, ऐसा अपना देश था। जानवरों सा हाल था,…

यही रात अंतिम, यही रात भारी- नीतू रानी

यही रात अंतिम, यही रात भारी विषय -पक्षियों की गोष्ठी। बकरी, मुर्गी,अंडा , मछली और कबूतर ये सभी हैं मीत, रखें आज रक्षाबंधन दिन गोष्ठी और गा रहे हैं गीत।…

कीमत चुकानी होगी – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

कीमत चुकानी होगी मनहरण घनाक्षरी छंद में बिजली के कटने से, बढ़ जाती परेशानी, ए सी में जो रहने की, हो जाती आदत है। घटाएंँ बरसने से, मौसम बदल जाता,…

बाल सपने – सार्द्ध मनोरम छंद- राम किशोर पाठक

बाल सपने – सार्द्ध मनोरम छंद पाँव में पाजेब मनहर बाँध अपने। नाचते हैं श्याम बनकर बाल सपने।। देखकर नंगे कदम के दाँव प्यारे। झूमता है मन मयूरा भी हमारे।।…