हिंदी भाषा का महत्त्व – अमरनाथ त्रिवेदी

हिंदी भाषा जितनी सबल है ,

उतनी न  अन्य कोई  भाषा ।

यह जीवन  के  सुनहरे  पट पर ,

जीवन की लिख रही अभिलाषा ।

अमित आकर्षणों के द्वार खुले हैं ,

धरती   से   नील  गगन  तक ।

इसमें  शब्दों  की  गहराई   है ,

हम  पहुँचें  रवि से आगे  तक ।

शान की यह अप्रतिम भाषा ,

देश  विदेश  में   यह  दमके ।

यह  भाषा है  अति  निराली ,

हर जन की भी किस्मत चमके ।

शब्दों की  यह अविरल गंगोत्री ,

यह संस्कृति  की  धार  बहाए ।

जहाँ  न पहुँचे कोई अपने दम पर ,

 वहाँ   शिखर तक पहुँच  जाए ।

मर्यादा  की लहर है इसमें ,

सभ्यता  की  है   चिनगारी ।

शालीनता की ज्योति पुंज है ,

यह  भाषा  बड़ी  अविकारी ।

इसमें संस्कृति की आत्मा है ,

संवादों    की    है  धड़कन ।

जुबानों   की  आत्मा  है यह ,

करती   सबका अभिनंदन ।

अमरनाथ त्रिवेदी 

पूर्व प्रधानाध्यापक 

उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा 

प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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