हिंदी हैं हम
हिंदी हमारी वेदना
हिंदी हमारी गान
हिंदी हमारी आत्मा
यह देश की हर तोतली आवाज
हिंदी हमारी जान
हमारी आन बान और शान
मातृभूमि पर मर मिटने वालों की,
यही तो पहली पहली पहचान
सभी भारतीय भाषाओं की साखी
करती सभी भाषाओं का सम्मान
हिंदी एक एक मजबूत डोर
जो सबों को एकता में बांधती
हर भारतीय भाषाओं को,
अपनी सगी बहन ही तो मानती
यही तुलसी मीरा जायसी की तान
यही वह राष्ट्रभाषा, हम गाते राष्ट्रगान
लेखक
आशीष कुमार पाठक
प्रभारी प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय साढा, धरहरा, मुंगेर
(हिंदी दिवस पर एक प्रयास)
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