कत्ह सपना सजै-लह छेला, किस्मत के आड़ म। सब धरले रही गेलैय, जीवन के मंजधार म।। हाथ आबह मली क, तक़दीर की पैयतैय । हे विधाता आबह की होतैय।। घर…
प्रकृति का तांडव-अमरनाथ त्रिवेदी
सांसारिक क्लेश अब, नस -नस में चुभने लगी है । सत्प्रयोजनों से नाता , ज्यों छूटने लगी है । हमीं ने किया है , ऐसा आयोजन । हमी से फैली…
अटलजी-नीतू रानी “निवेदिता”
पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के जन्म दिवस पर उनको शत्-शत् नमन दिन-रविवार दिनांक-25/12/22 आज है 25 दिसंबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए अटलजी हम…
कर्त्तव्य बोध -अमरनाथ त्रिवेदी
पुरातन से ओजस्विता लिए , विचरण हम जब – जब करते हैं । सत्य -दृढ़ अनुशीलन पर , तब मार्ग प्रशस्त हम करते हैं । यह संधिकाल सुकर्म का है…
अटल बिहारी वाजपेयी-अश्मजा प्रियदर्शिनी
अखण्ड भारत का अलख जगाए सुस्मित हर्षित होते रहे। काँटों भरी सत्ता के गठबन्धन में सुवासित बढते रहे। ‘सत्ता के लालची’ शब्दों की राजनीति में भी निखरते रहे। कर्मो के…
कर्म -वाणी-अमरनाथ त्रिवेदी
जिस ओर हम पग धरें , सुकर्म सम्मत नीति से । फिर हार हो सकती नही , चाहे कोई भी छल रीति से । प्रयास से पूर्व समर में ,…
सच्चा पुरुषार्थ-अमरनाथ त्रिवेदी
है पुरुष वही सच्चा जिसमे , पुरुषार्थ भरा हो तन – मन मे । जीवन जीता हो परहित में , न बैर रखता अन्तर्मन में । प्रतिपालक हैं भगवान सभी…
जय माँ सरस्वती-सुधीर कुमार
मनहरण घनाक्षरी वर्ण — ८ ,८ ,८ ,७ अंत – लघु , दीर्घ वीणा पाणि मात मेरी , दया मिले हमें तेरी , शिशु हमें जान जरा , अंक भर…
मानव दर्शन – अमरनाथ त्रिवेदी
मानव जीवन से नित आस यही , मिटे भ्रम , भय , कुशिक्षा । सुसंस्कार समाहित हो जग में , हो जन -जन की यह प्रबल इच्छा । जन-जन में…
प्रथम रश्मि – मनु कुमारी
प्रथम रश्मि का आना रंगिणी! तूने कैसे पहचाना? कहां – कहां हे बाल हंसनि! पाया तूने यह गाना? सोये थे जो नन्हें पौधे,अलसाई दुनियां में मन्द – मन्द हवा के…