जो कराए सही ग़लत की पहचान वही तो कहलाते हैं शिक्षक महान। शिक्षक ही आँखों से चादर हटाते, जिस से होते अभिन्न और अज्ञान। शिक्षक की सेवा जो किया…
सम्मान – भवानंद सिंह
शिक्षक हूँ, बस मान चाहिए। थोड़ा- सा सम्मान चाहिए।। कोरा कागज हो, या हो पानी उसमें रंग मैं भरता हूँ। कलाकार हैं बड़े प्रवीण हम, छात्रों को यह बतलाता हूँ।।…
यह सौभाग्य हमारा है – रत्ना प्रिया
तक्षशिला, नालंदा जैसी, अविरल ज्ञान की धारा है। जन्मभूमि यह भारत-भू है, यह सौभाग्य हमारा है।। ज्ञान, कर्म के दीप यहाँ पर, सदा उजाला करते हैं, गुरु-शिष्य की परंपरा में,…
गुरु हमारे वो कहलाते – सुरेश कुमार गौरव
ज्ञान चक्षु से जो सिखलाते सही-ग़लत को जो समझाते, विषयक ज्ञान सदा जो देते, नैतिक मूल्यों को बतलाते, व्यवहारिकता को जो समझाते, गुरु हमारे वो कहलाते। नैतिकता का सदा…
मैं शिक्षक- प्रियंका कुमारी
मैं शिक्षक, मैं कुंभकार हूँ। देश के भविष्य को, गढ़ता हूँ, मढ़ता हूँ। मैं शिक्षक, मैं कुंभकार हूँ। बुद्धि से कौशल से, क्रीड़ा से कर्म से, ज्ञान से विज्ञान से,…
शिक्षक की गरिमा – अमरनाथ त्रिवेदी
आज शत शत नमन करें उनका, जिन्होंने शिक्षा का दीप जलाया। हम सबने उस ज्योति शिखा को, हर पल अपने गले लगाया।। नमन करें उस राष्ट्र शिक्षक को, जिनने…
सूरज भैया – अवनीश कुमार
सूरज भैया सूरज भैया क्यों है तुम्हारे गाल लाल क्या मम्मी ने तुम्हें डाँटा है या पापा ने मारा तमाचा है? ये गुलाबी नहीं दिखते मुझको तुम्हारे अंगारों से…
दूर तक चलते हुए -शिल्पी
घर की ओर लौटता आदमी होता नहीं कभी खाली हाथ हथेलियों की लकीरों संग लौटती हैं अक्सर उसके अभिलाषाएं, उम्मीद, सुकून और थोड़ी निराशा घर लौटते उसके लकदक कदम छोड़ते…
अबला नहीं तू सबला हो- अमरनाथ त्रिवेदी
हजारों वर्ष घटी पूर्व की घटना, हा! कलियुग में भी जारी है। बहन, भतीजी, माँ ,भांजी की अब भी खींची जाती साड़ी है। हा! आज भी दानवता जग में…
दैनिक कार्य – गिरीन्द्र मोहन झा
सूर्योदय से पूर्व जाग उदित सूर्य संग क्रियाशील जीवन का आरंभ करना, पृथ्वी, सूर्य, गुरु और ईश्वर की थोड़ी उपासना अवश्य करना, योगाभ्यास, व्यायाम कर अपने शरीर को स्वस्थ…