2 छठ पर्व की गरिमा वंश परम्परा चलती रहे , सुख से जियें लोग सभी । कामना करते छठ व्रती यही , बन जाए सबकी बात सभी । जन जन मे ऐसी ज्योति जली है , जो भावों को…
छठ की महिमा -अमरनाथ त्रिवेदी
1 छठ की महिमा तन ,मन, धन , श्रद्धा ,भक्ति , एक साथ हो जिस पर्व मे । भक्ति का यह अनुपम पर्व , दिखता हो जब भारतवर्ष मे । ख्याल शुद्धता…
मर्द -दीपक कुमार
मर्द – क्या मर्द को दर्द नहीं होता ? होता जरूर है । पर वह बयां नहीं करता। जिम्मेदारियां! चुप करा देती है उसे , पूर्ण विराम की तरह। घर…
विवशता में सिसकते हैं -एस के पूनम
विधा:-विधाता छंद।व्यंग।(विवशता में सिसकते हैं ) चुनावों के समय पर ही,प्रजा की याद आती है। करे वादें सभाओं में,प्रजा सुनकर लुभाती है। बिछाया जाल शब्दों का,ललक जो खींच लाती है।…
मतदान है लोकतंत्र की जान – अवधेश कुमार
जनता की ताकत, जनता की शान,मतदान है लोकतंत्र की जान। हाथों में है शक्ति अपार,एक वोट बदल दे देश का जनाधार । लोकतंत्र का मंदिर यही,जहाँ होती जनता की जवाबदेही…
एक पेड़ मां के नाम – अवधेश कुमार
🌿 एक पेड़ माँ के नाम 🌿 माँ की ममता धरती पर आयी,हरियाली संग खुशियाँ लायी । जिसकी छाया में सबको सुकून मिले,थकान न हो जिसके फूलों के तले। वो…
एक जमाना था – राम बाबू राम
एक जमाना थाजब बच्चे गिल्ली-डंडा खेला करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे दादी की कहानियां सुना करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे पेड़ों से लटक कर झुला, झुला करते थे।…
छठ पूजा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
रूप घनाक्षरी छंद में श्रद्धा रख नर-नारी,सालों करते तैयारी,लोक आस्था का है चार दिवसीय अनुष्ठान। सूरज का ध्यान धर-करते हैं पूजा-पाठ,नदियों या तालाबों में, करते हैं अर्घ्य दान। स्वच्छता का…
महिमा तोहर अपार – राम किशोर पाठक
महिमा तोहर अपार – छठ गीत विनती करीं स्वीकार, हे छठी मैया।महिमा तोहर अपार, हे छठी मैया।। कैसे हम परेशान, रहीला हर-पलबनकर सदा नादान, रहीला पल-पलरहे लालसा अपार, हे छठी…
नहाय खाय – राम किशोर पाठक
बाल कविता रोज नहाकर खाती अम्मा।आज अलग इठलाती अम्मा।।अम्मा बोलो कौन खता है?कारण मुझको नहीं पता है। सुर्य देव का व्रत समझायी।आज नहाय-खाय बतलायी।।लकड़ी पर ही जिसे पकायी।दिनकर को थी…