मन की बात – रत्नेश पण्डित पाण्डेय

बड़े दिनों बाद वह, घर अपने वापस आया बेटी के लिए कुछ गुड्डे-गुड़िए, बेटे को किताबें लाया। बच्चों में कैसा कौतूहल होगा, सोचा और मुस्काया, बड़े दिनों बाद वह, जब…

आया जनवरी –

आया जनवरी छाया कुहासा, फूलने लगा है मेरा स्वांसा । आया फरवरी फेके रजाई, धूप में बैठकर ले रहे जम्हाई। मार्च आया होली आई, बच्चों में खुशियाली छाई। अप्रैल में…

मैं खुश हूं कि – रंजीत कुशवाहा

मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…

क्या यही है नव वर्ष का त्योहार – नीतू रानी

क्या यही है नव वर्ष का त्योहार जिस त्योहार में मारे जाते हैं कई निर्दोष जीवों के परिवार, क्या यही है नव वर्ष का त्योहार । नंव वर्ष में सब…

स्कूल खुलल हमार – नीतू रानी,

विषय -नववर्षक त्योहार शीर्षक -स्कूल खुलल हमार हे बहिना कोना‌ मनाएब नव वर्षक त्योहार हे स्कूल खुलल येअ हमार हे ना। पिया हमर बसै छथिन परदेश नववर्ष में कोना एथिन…

प्रेम भरी वाणी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

ठोस परिणाम हेतु काम आता अनुभव, बीमारों को पथ्य वास्ते, चावल पुरानी हो। जीवन में सोच कर कदम बढ़ाएं सदा, हर शुभ कार्य हेतु जोश व जवानी हो। निराशा-आलस्य नहीं…