बड़े दिनों बाद वह, घर अपने वापस आया बेटी के लिए कुछ गुड्डे-गुड़िए, बेटे को किताबें लाया। बच्चों में कैसा कौतूहल होगा, सोचा और मुस्काया, बड़े दिनों बाद वह, जब…
आया जनवरी –
आया जनवरी छाया कुहासा, फूलने लगा है मेरा स्वांसा । आया फरवरी फेके रजाई, धूप में बैठकर ले रहे जम्हाई। मार्च आया होली आई, बच्चों में खुशियाली छाई। अप्रैल में…
जीवन का आधार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
धर्म बिना नर ऐसे जैसे अश्व रास बिना, लोगों के जीवन का धर्म ही आधार है। जीवन सफर में जो सच्चा गुरु मिल जाएंँ, तेरे भवसागर का होगा बेड़ा पार…
मैं खुश हूं कि – रंजीत कुशवाहा
मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…
क्या यही है नव वर्ष का त्योहार – नीतू रानी
क्या यही है नव वर्ष का त्योहार जिस त्योहार में मारे जाते हैं कई निर्दोष जीवों के परिवार, क्या यही है नव वर्ष का त्योहार । नंव वर्ष में सब…
स्कूल खुलल हमार – नीतू रानी,
विषय -नववर्षक त्योहार शीर्षक -स्कूल खुलल हमार हे बहिना कोना मनाएब नव वर्षक त्योहार हे स्कूल खुलल येअ हमार हे ना। पिया हमर बसै छथिन परदेश नववर्ष में कोना एथिन…
नूतन वर्ष – अशोक कुमार
नूतन वर्ष की पावन बेला, खुशियों का अलबेला, सारे शिकवे भूले, आओ हम सब गले मिलें|| अग्रिम पथ पर बढ़ चलें, राह मुश्किल बहुत है, संभल संभल कर चलें, कभी…
नया साल – डा. मनीष कुमार शशि
जशन ऐसा मनाओं नये साल में। कि इतिहास गवाह बन रास्ता सजाए ll हो न नफरत कहीं प्यार ही प्यार हो। सबको प्यार से लगाओ नये साल में।। ग़म ज़दा…
प्रेम भरी वाणी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
ठोस परिणाम हेतु काम आता अनुभव, बीमारों को पथ्य वास्ते, चावल पुरानी हो। जीवन में सोच कर कदम बढ़ाएं सदा, हर शुभ कार्य हेतु जोश व जवानी हो। निराशा-आलस्य नहीं…
ठंड का प्रकोप- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
पशु पक्षी सरीसर्प बैठे हैं दुबक कर, आज आधा भारत है शीत की आगोश में। कड़ाके की ठंडक से हाथ पैर जम रहा, हिम नर बनाने को प्रकृति है रोश…