दो अक्टूबर जन्म है, दो पुरुषों के नाम। गाँधी प्यारा एक है, दूजा लाल ललाम।। गाँधी जी का जन्म है, प्रांत नाम गुजरात। भाव एकता सूत्र का, दिया नवल…
देश के सच्चे सपूत- अमरनाथ त्रिवेदी
देश में एक ऐसे लाल हुए, जो देश के कर्णधार बने। अपनी निष्ठा अपनी बुद्धि से, वे यशस्वी सूत्रधार बने ।। ऐसे सपूत लाल बहादुर का, जीवन दुखों में बीता …
बापू जी – भोला प्रसाद शर्मा
वीर बहादुर जन्मा देश में, जीता था वह श्वेत वेश में। सीधा सादा बिताते जीवन, भूला नहीं करते अपनापन। रंग रूप का भेद न उनमें, प्यार वह बाँटा करते जग…
गाँधीगिरी अपनाएँ- विवेक कुमार
अहिंसा की हो बात, स्वतंत्रता की मिले सौगात, सादगी जिसकी पहचान, सत्य जिसका कमान, बापू तुम हो महान। सत्याग्रह जिसकी शक्ति, गाँधी थे वो व्यक्ति, निडरता जिससे मिला न्याय, ब्रह्मचर्य…
गाँधी हुए उदास रे- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
हे मन ! गाँधी को ढूँढू रे, नगरी-नगरी गाँव रे। नहीं मिले वो मेरे बापू, देख लिया सब ठाँव रे। नयन थक गए, वसन भी फट गए, देख न…
गाँधी- शास्त्री जयंती- रामकिशोर पाठक
हम भूल गये है शास्त्री को, सिर्फ गाँधी याद हमें आयें। दोनों का यह जन्मदिवस, आओ श्रद्धा सुमन चढ़ायें।। देश हित में दोनों का हीं, अतुलनीय रहा योगदान। है…
बापू जी – भोला प्रसाद शर्मा
वीर बहादुर जन्मा देश में, जीता था वह श्वेत वेश में। सीधा सादा बिताते जीवन, भूला नहीं करते अपनापन। रंग रूप का भेद न उनमें, प्यार वह बाँटा करते जग…
सत्य के राही महात्मा गाँधी- अमरनाथ त्रिवेदी
भारत के महाकाश में , एक नक्षत्र-सा बिंबित हुआ। सत्य अहिंसा का धीरव्रती वह, भूमंडल पर प्रतिबिंबित हुआ।। बचपन से ही सत्य, न्याय का, भाव सदा अर्पित करता। बाल्यकाल से…
विधाता छंद- एस. के. पूनम
कहे गोविंद श्यामा से, मिलूँगा मैं अकेले में। कही राधा अनंता से, पडूँगी ना झमेले में। सदा से ही सखी वृंदा, अजन्मा की दिवानी है। नयन भींगे हृदय बिंधे,…
पेजर का भय- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
काग बोलता रहा डाल पर, क्या लिखा दुनिया के भाल पर? तेरे अस्तित्व पर मैं टिका हूॅं, तुझसे बहुत मैं सीखा हूॅं। विस्मित हूॅं बदलते चाल पर। कौवा बोल रहा…