मनहरण घनाक्षरी
मृगराज सी हुँकार,
चमकती तलवार,
अंग्रेजों को ललकार, किए जो कमाल थे।
उम्र अस्सी किए पार,
यौवन सी स्फूर्ति धार,
रविसुत हो सवार, बने जो विकराल थे।
गोली गई बाँह पार,
शमशीर से कर वार,
गंगा को दे अभिसार, रच दी मिसाल थे।
गर्व हमें बेशुमार,
गा रहा गाथा संसार,
जन्मे कुँवर बिहार, शत्रुओं के काल थे।
रचयिता: राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया, इंगलिश पालीगंज, पटना।
संपर्क – 9835232978
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