शीर्षक – स्कूल कितना जरूरी है!
यह स्वतंत्र हंसी
ये आंखों की चमक
बता रही है कि.. लड़कियों के लिए स्कूल कितना जरूरी है!
अपने सपनों को एक दूसरे से कहकर
कल्पित करके खुश होना,,
दोस्त के कान में कुछ बोलकर
जोर की ठहाके वाली हँसी छेड़ना,,
बताती है …कि स्कूल कितना जरूरी है।
स्वच्छ और स्वतंत्र वातावरण में
अपनी बातों को खुलकर रखना
दुनिया से लड़ लूंगी इस हौंसले का पनपना
बता रही है… स्कूल कितना जरूरी है
एक मां, बहन, और दोस्त जैसी शिक्षिकाओं को अपनी उलझनों को बेहिचक उनसे बोल पाना,,
अब इसे अटूट विश्वास कहें या प्यार
इनके बताए रास्तों पर चलने का प्रयास करना
बता रही है… कि लड़कियों के लिए स्कूल बहुत जरूरी है ।
अनुभव आधारित स्वरचित –
अमृता कुमारी
विद्यालय अध्यापक
11- 12
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अमृता कुमारी

