अटूट रिश्ता
हमारे रिश्ते में है मीठी तकरार
भाई बहन का है ये अनोखा प्यार
रखी के कच्चे धागे में बाँध लिया
जिसने प्रीत का सारा संसार………
भाई सा जग में है ना
कोई कीमती उपहार
कभी शरारत तो कभी दुलार
रिश्तों में हमारे है बेशुमार प्यार…….
रिश्ता हमारा है अटूट
समय के साथ पर गयी
इस पर बहुत धूल पर
हम तो थे एक ही बगिया के फूल…..
राखी के धागे में भैया
बहनों का आशीर्वाद है
रिश्तों में अनुपम साज है
हमें तो अपने भाई
पर बड़ा नाज़ है…….
तू लड़ता था तो भी अच्छा था
तेरे बिन अब रक्षाबंधन बेसुरा साज़ है
राखी के धागे से करती
देखो भैया बहना तुम्हारी
इस दिन का इंतज़ार है…….
मधु कुमारी
कटिहार
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