अटूट रिश्ता-मधु कुमारी

Madhu

Madhu

अटूट रिश्ता

हमारे रिश्ते में है मीठी तकरार
भाई बहन का है ये अनोखा प्यार
रखी के कच्चे धागे में बाँध लिया
जिसने प्रीत का सारा संसार………

भाई सा जग में है ना
कोई कीमती उपहार
कभी शरारत तो कभी दुलार
रिश्तों में हमारे है बेशुमार प्यार…….

रिश्ता हमारा है अटूट
समय के साथ पर गयी
इस पर बहुत धूल पर
हम तो थे एक ही बगिया के फूल…..

राखी के धागे में भैया
बहनों का आशीर्वाद है
रिश्तों में अनुपम साज है
हमें तो अपने भाई
पर बड़ा नाज़ है…….

तू लड़ता था तो भी अच्छा था
तेरे बिन अब रक्षाबंधन बेसुरा साज़ है
राखी के धागे से करती
देखो भैया बहना तुम्हारी
इस दिन का इंतज़ार है…….

मधु कुमारी
कटिहार 

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply