तुलसी विवाह -नीतू रानी

विषय -तुलसी विवाह विवाह गीत मंगल मय दिन आजु हे छीयैन तुलसी के विवाह, परल नग्र हकार हे मन कमल फुलाओल। मंगलमय———2। द्वार पर आओल वर -बरियाती संग में वर…

निद्रा -बैकुंठ बिहारी

निद्रा कभी वास्तविक कभी काल्पनिक होती है यह निद्रा। कभी प्रसन्नता कभी निराशा देती है यह निद्रा। कभी साहस कभी भय देती है यह निद्रा। कभी सन्मार्ग कभी कुमार्ग दिखाती…

निष्पक्ष चुनाव को -जैनेन्द्र प्रसाद

निष्पक्ष चुनाव को मनहरण घनाक्षरी छंद में कुशल हो चाहे मांँझी, चाहे नहीं चले आंँधी, छोटा सा भी एक छेद, डूबा देता नाव को। गोदामों में जमाखोरी, अथवा कालाबाजारी, हमेशा…

कब तक कोई अपना- राम किशोर पाठक

कब-तक कोई अपना- गीत छोटे-छोटे शब्दों से मन टूटेगा। कब-तक कोई अपना हमसे रूठेगा।। अपनों में तो खिच-खिच होती रहती है। खट्टी-मीठी यादें बनती रहती है।। मन का हर गुब्बारा…

नहीं विश्वाश होता है -रामपाल पाल प्रसाद सिंह

गीत(विधाता छंद) नहीं विश्वास होता है सनातन धर्म अभ्यागत,धरा को लहलहाया है। नहीं विश्वास होता है,कि मानव ने बनाया है।। रहा पूरब सदा उज्ज्वल,सभी यह ग्रंथ कहते हैं। कुटुंबी भाव…

प्रभाती पुष्प -जैनेंद्र प्रसाद

प्रभाती पुष्प सूर्य देव से प्रार्थना मनहरण घनाक्षरी छंद नर-नारी संत-यति, उपवास रख ब्रती,! धन बल पुत्र हेतु, करते उपासना। छठ माता करें दया, मांँगते निरोगी काया, जल बीच खड़े…

आओ छठ पर्व मनाएं शैलेन्द्र कुमार

आओ छठ पर्व मनाएं एकता, भाईचारा, सौहार्द फैलाएं आओ छठ पर्व मनाएं।। नहाए खाए, सहना, खड़ना रस्म निभाएं आओ छठ पर्व मनाएं।। त्याग, संयम, सात्विकता अपनाएं आओ छठ पर्व मनाएं।…

छठ की गरिमा -अमरनाथ त्रिवेदी

2  छठ पर्व की गरिमा वंश   परम्परा    चलती   रहे , सुख   से जियें    लोग  सभी । कामना   करते छठ  व्रती  यही , बन जाए सबकी  बात   सभी । जन जन मे ऐसी ज्योति जली  है , जो भावों को…