सर्दी – कहमुकरी स्पर्श सदा कंपित है करती। रोम-रोम में सिहरन भरती।। जैसे वह हमसे बेदर्दी। क्या सखि? साजन! न सखी! सर्दी।।०१।। कभी डरूँ तो छुप मैं जाऊँ। दिन-भर जमकर…
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बलहीनन का बस पीड़ हरो-रामपाल प्रसाद सिंहअनजान
हम जान रहे कर क्या सकते, तुम तो न मुझे इनकार करो। शुभ कर्म किए शुभ धर्म किए,मम श्वेत मकान मत कार करो।। चरणों पर मैं नत हूॅं कब से,प्रभु…
भोलेनाथ हमारे – राम किशोर पाठक
भोलेनाथ हमारे । तेरे भक्त पुकारे ।। आएँ हैं सब द्वारे । तू ही कष्ट उबारे।। आओ हे त्रिपुरारी। नैना नीर हमारी।। हे भोले अघहारी। शोभा सुंदर न्यारी।। नैनों को…
वंदे मातरम् – गीत – राम किशोर पाठक
वंदे मातरम् – गीत भारत वासी दिल के अच्छे, चाहत सदा स्वच्छंद है। वंदे मातरम् गीत सुंदर, गाना सबको पसंद है।। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। बंकिम चन्द्र चटर्जी इसकी, रचना…
जाति-वर्ण लोकतंत्र पर भारी – राम किशोर पाठक
है लोकतंत्र की महिमा न्यारी। चलती जिससे संविधान प्यारी।। सबने बदली अब दुनियादारी। लूट रहे धन कहकर सरकारी।। लेकर सारे धन-बल की आरी। कुर्सी पाने की है तैयारी।। जनता बनती…
निष्पक्ष चुनाव को -जैनेन्द्र प्रसाद
निष्पक्ष चुनाव को मनहरण घनाक्षरी छंद में कुशल हो चाहे मांँझी, चाहे नहीं चले आंँधी, छोटा सा भी एक छेद, डूबा देता नाव को। गोदामों में जमाखोरी, अथवा कालाबाजारी, हमेशा…
अधूरे प्रेम कहानी की किताब – चित्तेश्वर झा
अधूरे प्रेम कहानी की किताब : हम वो किताब हैं जिसके आखिरी पन्नों पर दिल दस्तक देती है और मांगती है हिसाब किताब के एक एक पन्नों का मेरे…
शुभकामना संदेश – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
शुभकामना संदेश मध्य विद्यालय दरबे भदौर*प्रखंड पंडारक के प्रधानाध्यापक *भाई रामपाल सिंह अनजान जी का दिनांक ३१,१०,२०२५ को विद्यालय से सफल व निर्विघ्न सेवा समाप्ति के अवसर पर पेश है…
संस्मरण गीत – राम किशोर पाठक
संस्मरण गीत – राम किशोर पाठक चंद पैसों में भली वह, जिंदगी जीते हुए। आ रही है याद हमको, आज दिन बीते हुए।। बैठ चौपालें लगाकर, बात…
चुनावी जुमले बाज़ी – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
चुनावी जुमले बाज़ी जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’ जंगल राज कह कर सबको डराते हैं, विकास-भ्रष्टाचार के, मूद्दे हुए गौण है। युवाओं का पलायन,रोके नहीं रूक रहा, मंहगाई के नाम…