मैं स्त्री संसार की धुरी, प्रेम और सम्मान की अधिकारी, नही अबला बेचारी, नही बनना तकदीर की मारी। अपनी किस्मत स्वयं लिखूँ, अपनी कहानी स्वयं गढ़ूं, सुनहरे भविष्य के लिए…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
अभियान भारत का गौरव – डॉक्टर मनीष कुमार शशि
स्वच्छ भारत अभियान सरकार की एक पहल महात्मा गांधी का सपना कि भारत स्वच्छ रहे सुंदर दिखे सरकार उस स्वप्न को सार्थक कर रही है चारित्रिक स्वच्छता भी साकार होने…
उसके रिझाने से – एस.के.पूनम
जाग कर कई रातें, स्वप्निल है मेरी आँखें, प्राप्त हुई दिव्य ज्योति,तम मिट जाने से। फैल गया उजियारा, छिप गया नभ तारा, बगिया में फूल खिले,पौधे सींच जाने से। मंडराता…
फाल्गुन के भाव – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कृपाण घनाक्षरी छंद विद्या:-फाल्गुन के भाव जंगल में नाचे मोर कोयल मचाती शोर, हलचल चहुंओर, आ गया फाल्गुन मास। हाथों में गुलाल लाल कर के गुलाबी गाल, मोरनी की देख…
बगिया के फूल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
विद्या:-रूप घनाक्षरी छंद बच्चें लगें फूल ऐसे गेंदा व गुलाब जैसे, खिले खिले चेहरे पे, दिखते जब मुस्कान। परियों की पंख लगा उड़ते आसमान में, दुनिया के गम से वो,…
राक्षस बेटा – नीतू रानी
सच्ची घटना राक्षस बेटा एक माँ दी अपने बेटे को जन्म बेटे के लालन-पालन में खुद को रखी व्यस्त हरदम, अपने आप पर कभी ध्यान नहीं दी सबको खिलाई भरपेट…
कन्हैया की बाँसुरी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कन्हैया की बाँसुरी मनहरण घनाक्षरी छंद “”””””””””””””””””””””” नैन कजरारे काले सिर लट घुंघराले, सबकी लुभाता मन, सूरत ये सांवरी। मोहक छवि के आगे फीके पड़े कामदेव, मोहन का रूप देख,…
चहुँओर बजे साज – एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 रूपघनाक्षरी (चहुँओर बजे साज) लाडली हमारी चली, बाबूल का घर छोड़, जिसकी दुहाई देता,हुई है पराई आज। मैया की अखियाँ भींगी रात-दिन वियोग में, आँचल तरस रहा,सुता…
धन्य सुपौल जिला रे- नीतू रानी
विषय- महर्षि आशुतोष महाराज। संत सोहर गीत धन्य गुरु गाम पिपराही से धन्य सुपौल जिला रे, ललना रे धन्य माता सत्यभामा पिता विश्वनाथ जिनकर घर गुरु आशु जन्म लेल रे।…
प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
सनातन पर नाज रूप घनाक्षरी छंद “”””””””””””””””””” पाँच सौ वर्षों के बाद वनवास काटकर, राम रघुवर मेरे अवध में आए आज। आँगन सजाते सभी राम गीत गाते कभी, देश की…