करके सीखें-अशोक कुमार

करके सीखें आओ जोड़ की प्रकृति को जाने, मिलाने की प्रक्रिया को जोड़ माने। मूर्त से अमूर्त की ओर जाएं, बच्चे इसे कभी भूल न पाए।। घटाव किसे कहते हैं…

गुरू की महिमा अपरम्पार- नरेश कुमार ‘निराला’

गुरू की महिमा अपरम्पार गुरू ब्रह्मा है गुरू विष्णु है गुरू ही है भगवान महेश, गुरू ही ज्ञान की गंगा बहाते गुरू संगत मिट जाते क्लेश। गुरू बिन ज्ञान न…

हिंदी हमारी पहचान-आंचल शरण

हिंदी हमारी पहचान   हिन्दी हमारी आन बान है, हिन्दी हमारी शान है।   हिन्दी भारत मां की बिंदी, हिन्दी का सम्मान है।।   हिन्दी हमारी शब्दमाला, हिन्दी हमारी काव्य।…

कोरोनावायरस-अशोक कुमार

कोरोनावायरस जीवन है अनमोल गहना, इसको तुम संजोकर रखना। कोरोना ने पूरी दुनिया पर कहर ढाई, आ गई है इसकी दवाई।। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं, वैक्सीन का टीका जरूर…

कविता का स्वरूप-बिपिन कुमार चौधरी

कविता का स्वरूप सभी विद्वानों के विचारों का अंतिम सार, कविता कवि के भावनाओं का उदगार, मुख्य रूप से इनके तीन प्रकार, महाकाव्य, खंडकाव्य, मुक्तक काव्य, कविता के सौंदर्य का…

आजादी-अशोक कुमार

आजादी तीन रंगों का तिरंगा प्यारा, नभ में लहराता। यह हमारी शान शौकत, आजादी की कीमत बताता।। हरा रंग है हरी हमारी, धरती की अंगड़ाई। केशरीया बल पौरुष भरने वाला,…

पर्यावरण-अशोक कुमार

पर्यावरण पृथ्वी वीरान पड़ी, विकट समस्या खड़ी। स्वयं एक एक पेड़,आप भी लगाइए।। पेड़ों की कटाई रोकें, बर्षा इसी से होखें। फल फूल हमें देवें, इसे तो बचाइए।। मिट्टी की…