मौन पड़ी मन वीणा को भावों ने झंकृत कर डालाजग उठे मौन से संगीत। कोरे कागज पर लेखनी दौड़ीआड़े-तिरछे अक्षर उभरेनिकल पड़े भावों से गीत। हृदय जाग भावों को छूआमिल…
बस थोड़ी देर पहले…अवनीश कुमार
बस थोड़ी ही देर पहले तो… बस थोड़ी ही देर पहले तो —एक रंगीन तितलीफूलों की क्यारी में नाच रही थी,मैं तितली…. मै तितली ….गा रही थी सूरज की किरणों…
आह्वान…विजय शंकर ठाकुर
सवेरे उठकर जल्दी जाओ,लोकतंत्र का पर्व मनाओ। भैया भौजी, चाचा आओ, दादा दादी को भी लाओ।मतदाता पर्ची को लेकर,कतार में सभी खड़े हो जाओ। वोट प्रतिशत को तो बढ़ाओ, संशय…
गर्व से हिंदू कहे तो..रामपाल प्रसाद सिंह
सुमेरु छंद (10,9)1222 12, 22 122 गर्व से हिंदू कहे तो। घटा घनघोर नभ,छाई कहाॅं से।गई थी लौट कर,आई कहाॅं से।।हजारों रश्मियाॅं, लाचार अब हैं।लगा सूरज जरा,बीमार अब हैं।। मगर…
किसानों की बेचैनी..जनेंद्र प्रसाद रवि
कार्तिक है बीत रही,रबी अभी लगी नहीं,आसमां में काले घन, दिखा रहे नैन हैं। खेतों में तैयार धान, आती नहीं खलिहान,तब तक हलधर, रहते बेचैन हैं। डर है बादल कहीं-…
बाल कविता आओ मिलकर छठ करें..अवधेश कुमार
अस्ताचल सूरज को, हम सब ही प्रणाम करें,उगते सूरज और छठ माता की पूजा, सच्चे मन से करें। संध्या अर्घ्य की रौशनी, जीवन में लाएँ,मन की सारी इच्छा, छठ में…
चुनावी जुमला..जनेंद्र प्रसाद ‘रवि’
वादे करते हैं सभी, पूरा करते न कभी,जुमला साबित होता, आया हर बार है। धर्म का सहारा ले के,जाति की दुहाई दे के,सामने से हाथ जोड़े, आता उम्मीदवार है। नौकरी …
प्रभाती पुष्प -जैनेंद्र प्रसाद
प्रभाती पुष्प सूर्य देव से प्रार्थना मनहरण घनाक्षरी छंद नर-नारी संत-यति, उपवास रख ब्रती,! धन बल पुत्र हेतु, करते उपासना। छठ माता करें दया, मांँगते निरोगी काया, जल बीच खड़े…
छठ मैया की महिमा निराली आशीष अम्बर
छ्ठ मैया की महिमा निराली खड़ें है हर घाटों में , हैं सूप हाथों में लेकर । लगा रहे हैं जयकारे , जय हो छ्ठ मैया तुम्हारी । देउरा भरे…
आओ छठ पर्व मनाएं शैलेन्द्र कुमार
आओ छठ पर्व मनाएं एकता, भाईचारा, सौहार्द फैलाएं आओ छठ पर्व मनाएं।। नहाए खाए, सहना, खड़ना रस्म निभाएं आओ छठ पर्व मनाएं।। त्याग, संयम, सात्विकता अपनाएं आओ छठ पर्व मनाएं।…