शिक्षक – कहमुकरी राम किशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

शिक्षक – कहमुकरी

सबके हित को तत्पर रहता।
अपने हक में कभी न कहता।।
दोष गिनाते बने समीक्षक।
क्या सखि? साजन! न सखी! शिक्षक।।०१

भूली बिसरी याद दिलाए।
रोज नया वह राह दिखाए।।
दोष मिटाए जैसे पावक।
क्या सखि? साजन! न सखि! अध्यापक।।०२

प्रेम सुधा चित में है बहता।
नैनों से ही है कुछ कहता।।
संग नेह करता सभी कार्य।
क्या सखि? साजन! न सखि! आचार्य।।०३

हँसकर गले लगाता है वह।
पीड़ा कम कर जाता है वह।।
उसकी कोशिश करे आबाद।
क्या सखि? साजन! न सखि! उस्ताद।।०४

कभी हँसाए कभी रुलाए।
जीवन का हर मर्म बताए।।
कर देता है महिमा मंडित।
क्या सखि? साजन! न सखी! पंडित।।०५

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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