जमाने में – गजल – राम किशोर पाठक कौन है जो कहे जमाने में। मौन सारे लगे बचाने में।। आज अपने बहुत यहाँ रिश्ते। है कई इस कदर दिखाने में।।…
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अनुराग सवैया – राम किशोर पाठक
अनुराग सवैया – राम किशोर पाठक गणेश महेश सुरेश दिनेश पुकार करूँ नित आस लगाएँ। विकार सुधार विचार प्रचार निखार रहा निज दोष गिनाएँ।। अबोध सदा यह बालक है प्रभु…
कर्म हमें ऐसा करना है- सरसी छंद गीत – राम किशोर पाठक
कर्म हमें ऐसा करना है- सरसी छंद गीत कर्म हमें ऐसा करना है, जिससे मिले सुकून। जीवन मूल्य लक्ष्य को पाना, रखिए सदा जुनून।। चलते रहना काम हमारा, मन में…
हे सखी! – पथिका छंद – राम किशोर पाठक
हे सखी! – पथिका छंद – राम किशोर पाठक हे सखी! मुझे बतलाओ। कैसे रहूँ बिना साजन के, बैठी घर सदा अकेली। उठते कितने भाव हृदय में, जैसे हो एक…
संविधान- लावणी छंद – राम किशोर पाठक
संविधान- लावणी छंद – राम किशोर पाठक नीति नियम का ग्रंथ यही है, जिसके सन्मुख समरस रहते। देश चलाते हैं हम जिससे, संविधान उसको कहते।। आजादी जब हमने पायी, हमको…
जिए जा रहा हूॅं- गजल राम किशोर पाठक
१२२-१२२-१२२-१२२ उदासी छुपाकर जिए जा रहा हूँ। तभी तो लबों को सिए जा रहा हूँ।। निगाहें जिन्हें ढूँढती है हमेशा उन्हें बेनजर अब किए जा रहा हूँ।। उधारी चुकाना…
शिक्षक – कहमुकरी राम किशोर पाठक
शिक्षक – कहमुकरी सबके हित को तत्पर रहता। अपने हक में कभी न कहता।। दोष गिनाते बने समीक्षक। क्या सखि? साजन! न सखी! शिक्षक।।०१ भूली बिसरी याद दिलाए। रोज नया…
राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राम किशोर पाठक
राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राष्ट्र हेतु हम, मिट जाएँ। राष्ट्र-भक्त हम, कहलाएँ।। आओ मिलकर, पले यहाँ। कदम मिलाकर, चले जहाँ।। गीत संग हम, यह गाएँ। राष्ट्र-भक्त हम,…
संस्मरण गीत – राम किशोर पाठक
संस्मरण गीत – राम किशोर पाठक चंद पैसों में भली वह, जिंदगी जीते हुए। आ रही है याद हमको, आज दिन बीते हुए।। बैठ चौपालें लगाकर, बात…
राष्ट्रीय एकता दिवस – राम किशोर पाठक
राष्ट्रीय एकता दिवस दिवस राष्ट्रीय एकता वाला। लेकर समरसता का माला।। आओ इसकी कथा सुनाएँ। सरदार पटेल से मिलवाएँ।। जन्म दिवस उनका है आज। संघटित भारत करने का काज।।…