वंदनवार -रामपाल प्रसाद सिंह

वंदनवार सजे शारदा 

प्रदीप छंद
चंद्रघंटा
प्रथम शैलजा स्वागत सर्वत:,ब्रह्मचारिणी नाम का।
रूप तृतीया सौरभ छाया,दिव्य लोक सुरधाम का।।
शक्तिपुंज की माला क्रमशः, लंबी होती जा रही।
चारु चंद्रघंटा चपला चल,दिव्य रूपिणी आ रही।।

चल रे भाई चल री बहना,खड़ी द्वार पर मात है।
करो जागरण माता आई, अभी तीसरी रात है।।
पुण्य थाल से पूजन अर्चन,अर्पण कर शुभ भाव को।
संभव है चालित कर जाए,भवसागर के नाव को।।

✍️✍️रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
प्रभारी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय दरवेभदौर

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply