हम शिक्षक धीरे धीरे मैं गढ़ती हूँ, घर घरौंदा आदिम सब, जाने जैसे कैसे लिखती वर्ण व आख़र आखिर सब। कोमल निर्मल मन पर लिखती खेल खिलौने बाकिर सब,…
Category: padyapankaj
Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
हम शिक्षक शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे
हम शिक्षक हैं, शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे भारत के हर बच्चों की तकदीर बदल देंगे। हम एक नई कहानी लिखेंगे, नया इतिहास बनाएंँगे शिक्षित हो हमारा समाज, ऐसा विहान…
एक पेड़ माँ के नाम- नीतू रानी
विषय -एक पेड़ माँ के नाम। एक पेड़ माँ के नाम, है माँ तुझे सलाम। बच्चे लगाएँ पेड़ पेड़ में फलेंगे आम। एक पेड़ माँ ——-2। एक पेड़ पापा के…
मेरा गाँव- राम किशोर पाठक
मेरा गाँव- गोपी छंद शहर में जो रहने वाले। आज बनते हैं मतवाले।। गाँव का मैं रहने वाला। समझते हैं भोला भाला।। बात बताऊँ गाँव की मैं। अपनों की उस…
चिर निद्रा – विजय शंकर ठाकुर
-: चिर निद्रा :- चिड़िया फुदक रही थी, डाली पर, सुना रही थी, मीठे गीत, अचानक ! आई नीचे, धम, आह ! कितनी निर्दयता, शायद ! अब कभी नहीं गायेगी,…
सांसें हो रही है कम, आओ पेड़ लगाए हम-मुकेश गुप्ता
आओ मिलकर करें विचार पेड़-पौधे क्यों है जरूरी यह जीवों को सांसें देती वृक्ष बादल रोककर वर्षा है कराती जिससे जीवों को मिलता नया जीवन गर्मी, जाड़ा, बाढ़ और सुखाड़…
मुझे और चढ़ना है गगन में
सपनों की ऊँचाई छूने को, हौसलों का दीप जलाने को, अभी कहाँ ठहरना है पथ में? अभी सफर अधूरा है मन में, मुझे और चढ़ना है गगन में। नहीं डरूंगा…
विशिष्ट शिक्षक
–चलो पेड़ लगाएं- चलो, पेड़ लगाएं। चुन्नी – मुन्नी, चुन्नू मुन्नू , का भी मन बहलाएं, चलो, पेड़ लगाएं। छोटी – छोटी क्यारी में, छोटे – छोटे गड्ढे खोदें, अपने-…
आओ अभिनंदन करें – मनु कुमारी
आओ अभिनंदन करें हम , देश के वीर जवानों का। जिसने हमेशा ध्वस्त किया है, दुश्मन के अरमानों का।। गूंज उठी है रणभेरी अब, तिरंगा भी है लहर रहा। मातृभूमि…
स्याही अनुभव की – अवनीश कुमार
ज़िंदगी के सफर में … बहुत कुछ देखा, बहुत कुछ सुना, बहुत कुछ सीखा, बहुत कुछ समझा। अरे ! समझा क्या— अब भी समझना जारी है … अनगिनत चेहरों से…